PM Modi Photo Pichkari: होली का त्यौहार बीत गया है, लेकिन चुनावी माहौल के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) के अधिकारी और कर्मचारी ग्वालियर (Gwalior) के बाजार में घूम-घूमकर पिचकारी तलाशते फिर रहे हैं. बता दें कि अधिकारियों को पीएम मोदी (PM Modi) और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Photo Pichkari) की फोटो लगी पिचकारियों की तलाश है. ये पिचकारियां अब चुनावी मुद्दा बन रही हैं. दरअसल, आचार संहिता लगने के चलते अब पोस्टर, फोटो या किसी राजनीतिक चिन्ह के उपयोग पर पाबंदी है. इसी के चलते कांग्रेस (MP Congress) ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग की. जिसके बाद आयोग इन पिचकारियों की तलाश में जुट गया है.
लोकसभा चुनाव के बीच रंगों के सबसे बड़े त्यौहार होली पर भी सियासती रंग चढ़ा रहा है. इस बार बाजार में रंग और गुलाल के साथ बच्चों की पिचकारी पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर नजर आ रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी की तस्वीरों वाली पिचकरियां होली के दो दिन बाद आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी थी. इन पिचकारियों पर भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल भी छपा हुआ था.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताकर अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह में निर्वाचन आयोग को इसकी शिकायत की. कांग्रेस का कहना है कि इलेक्शन कमीशन भारतीय जनता पार्टी की बी टीम की तरह काम कर रहा है. आचार संहिता के दौरान इस तरह की कोई भी सामग्री अगर अन्य कोई पार्टी बाजार में उतारती तो वह तत्काल जेल के अंदर होते. यह सरकार लोकतंत्र नहीं लॉक तंत्र के आधार पर काम कर रही है. पूरे शहर भर में प्रधानमंत्री के फोटो और भाजपा के चुनाव चिन्ह वाली पिचकारियों पर रोक लगनी चाहिए थी जो नहीं लगी.
कांग्रेस ने दी ये चेतावनी
आरपी सिंह ने मांग की कि इनका खर्च प्रत्याशी के चुनाव खर्च में शामिल किया जाना चाहिए. विपक्षी दलों पर सख्त रवैया अपनाने वाला चुनाव आयोग सत्तारूढ़ पार्टी पर क्या कार्रवाई करता है? वहीं आरपी सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं होती है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.
प्रशासन की ये है परेशानी
कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग ने इस शिकायत की जांच करने के लिए ग्वालियर भेज दिया है. आनन फानन में जिला निर्वाचन कार्यालय ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर पिचकारियां ढूंढें. हालांकि, उनमें से कोई भी कैमरे पर तो कुछ नहीं बोल रहा लेकिन वे कहते हैं कि उनकी दिक्कत है कि होली के बाद पिचकारी के स्टॉल खत्म हो गए. अब वे उन्हें जब्त करने कहां जाएं.
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