बैंक अधिकारियों का कारनामा, नकली सोना को बैंक में गिरवी रखवाकर ग्राहक को दे दिया 2.32 करोड़ का लोन

Embezzlement Case in Jhabua: झाबुआ के ग्रामीण बैंक थांदला की शाखा में नकली सोना के नाम पर गबन करने का मामला सामने आया है. बैंक अधिकारियों ने नकली सोना को बैंक में गिरवी रखवाकर ग्राहक को 2.32 करोड़ का लोन दे दिया.

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Embezzlement of crores on Fake Gold: मध्य प्रदेश के झाबुआ के थांदला थाना क्षेत्र की ग्रामीण बैंक थांदला की शाखा में नकली सोना के नाम पर लोन देकर गबन करने का मामला सामने आया है. यहां बैंक अधिकारियों ने सांठगांठ कर सोना (नकली सोना) को बैंक में गिरवी रखवाकर ग्राहक को 2.32 करोड़ रुपये का लोन दे दिया. दरअसल, झाबुआ के थांदला की ग्रामीण बैंक थांदला की शाखा में सोने का मूल्यांकनकर्ता अरविंद नायक ने ग्राहक और अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर नकली सोना को बैंक में गिरवी रखवाकर 2 करोड़ 32 लाख 99 हजार 29 रुपये 58 पैसे का गबन कर लिया. 

प्रारंभिक जांच के दौरान कुल 73 ऋण खाते संदिग्ध पाए गए. इन संदिग्ध खातों में से कुल 29 खाताधारकों ने लिखित में कथन पेश किया. 22 खाताधारकों ने दूरभाष पर बताया कि मूल्यांकनकर्ता अरविंद नायक ने हमें नकली सोना दिया और उसे बैंक में गिरवी रखवाकर हमें लोन दिलवाया गया.

कैसे हुआ गबन का खुलासा?

थांदला थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार मालवीय के मुताबिक, थांदला की मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के वर्तमान मैनेजर प्रवीण मरमट ने 21 जून, 2024 को एक आवेदन थाना को दिया था, जिसके आधार पर थांदला थाने में धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से दस्तावेजों को तैयार कर ठगी करने का मामला दर्ज किया. इसके तहत अरविंद नायक सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया और सबूत के आधार पर अरविंद नायक को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है.

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73 खाता धारकों के नाम पर नकली आभूषण गिरवी रखवायें गए

बता दें कि बैंक के मूल्यांकनकर्ता अरविंद नायक ने 73 खाता धारकों के नाम से नकली आभूषण गिरवी रखवाकर 2.32 करोड़ से अधिक रुपये की गबन की. वहीं अरविंद नायक ने ऐसे व्यक्ति को मूल्यांकनकर्ता बना दिया जिसने 6 महीने पहले ही ज्वेलरी का व्यापार शुरू किया था. बैंक में मूल्यांकनकर्ता नियुक्त होने के कुछ समय बाद उसने दुकान भी बंद कर दी और मामला सामने आने के बाद बैंक ने कुछ समय तक रुपये वापस लाने की कोशिश की. कुछ राशि मूल्यांकनकर्ता ने लौटाई भी, लेकिन अधिकांश राशि अटक गई. 

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बैंक ने पूर्व मैनेजर और अधिकारी सस्पेंड 

बैंक ने तत्कालीन बैंक मैनेजर ब्रजेश शिवहरे और अधिकारी अमर सिंह अहिरवार को सस्पेंड कर दिया है. पूरे मामले की जांच चल रही है. वहीं जांच के दौरान और भी कई खुलासे होने की उम्मीद.

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