Live Streaming of Court Cases : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) द्वारा राज्य की सभी जिला और तहसील अदालतों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए एक प्रणाली (Live Streaming System) स्थापित की गई है. देश में पहली बार किसी उच्च न्यायालय (High Court) ने ऐसा सिस्टम स्थापित किया है. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (MP High Court Chief Justice) रवि मलिमथ ने गुरुवार को राज्य की जिला और तहसील अदालतों के लिए एक एकीकृत वीडियो निगरानी तंत्र और लाइव ऑडियो-विजुअल स्ट्रीमिंग प्रणाली का उद्घाटन किया है. आइए जानते हैं क्या कुछ है इस सिस्टम में...
अब 210 अदालत परिसरों के कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने इंटीग्रेटेड वीडियो सर्विलांस सिस्टम (आईवीएसएस) और कोर्टरूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (सीएलएएसएस) शुरू किया है. इस पहल से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के तहत 210 परिसरों में अदालती कक्ष की लाइव स्ट्रीमिंग होगी.
यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक अग्रणी तकनीकी परियोजना है, जो हाई कोर्ट एवं अदालत परिसर को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी. नई प्रौद्योगिकी को अपनाने और उनका एकीकरण मध्य प्रदेश न्यायपालिका को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा. यह सब न्यायमूर्ति रवि मलिमथ के प्रगतिशील निर्देशन के कारण संभव हुआ है. इस परियोजना की कुल लागत 189.25 करोड़ रुपये आंकी गई है.
सबकी सुरक्षा
अदालत परिसर सभी संबंधित पक्षों, न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, अदालत के कर्मचारियों, पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों और जनता के लिए सुरक्षित होनी चाहिए. पिछले दिनों अदालत परिसरों में कई घटनाएं हुई हैं. इसलिए अदालत परिसरों को सुरक्षित बनाने के लिए यह सिस्टम तैनात करना आवश्यक हो गया था.
इस व्यवस्था में ये सब कुछ है शामिल
1. एकीकृत वीडियो प्रबंधन प्रणाली.
2. कोर्ट रूम ऑडियो-विज़ुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम.
3. संग्रह और लाइव के साथ-साथ ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेट-अप.
4. जबलपुर में डेटा सेंटर एवं कमांड एवं कंट्रोल सेंटर की स्थापना.
5. इंदौर में डिजास्टर रिकवरी सेट-अप.
6. सुविधा प्रबंधन सेवाएँ और संचालन एवं रखरखाव.
यह भी पढ़ें : "अलगाववादियों और आतंकवादियों को जगह देना कनाडा के साथ मुख्य मुद्दा": भारत की दो टूक