Indore Nagar Nigam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर की नगर निगम (Indore Municipal Corporation) में फर्जी सील सिग्नेचर कर दस्तावेजों का इस्तेमाल कर निजी ठेकेदारों द्वारा अपने बैंक खातों में करोड़ों रुपए का भुगतान कर लेने के मामले में विपक्ष ने एसआईटी (SIT) गठन करने की मांग की. नगर निगम के नेता प्रति पक्ष चिंटू चौकसे (Chintu Chouksey) ने नगर निगम फर्जी बिल घोटाला मामले को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि अभी तक इंदौर पुलिस केवल 48 फाइल में 31 करोड़ के फर्जी भुगतान की ही जांच कर रही है, जबकि 174 फर्जी फाइलों की मूल नास्ति पुलिस को प्राप्त नहीं हुई है.
90 करोड़ के फर्जीवाड़ा का पुलिस को अब तक पता नहीं-नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि इन 174 फर्जी फाइलों में से 90 करोड़ रुपये का भुगतान होने की बात भी नेता प्रतिपक्ष ने कही. इसके साथ ही, कांग्रेस ने पुलिस अधिकारी और रिटायर्ड जज को शामिल कर एक एसआईटी का गठन कर पूरे भुगतान की जांच की मांग की.चिंटू चौकसे नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम इंदौर ने घोटाले की पूर्ण जांच नहीं होने के लिए नगर निगम इंदौर के महापौर पुष्य मित्र भार्गव को जिम्मेदार बताया. उन्होंने भाजपा के अन्य नेताओं पर भी भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
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यह है नगर निगम का फर्जी बिल घोटाला
इंदौर शहर में दूषित जल की निकासी के लिए जो ड्रेनेज लाइन डाली जाना थी, उसकी जगह इंटरनेट लाइन डालके फर्जी फाइल और बिल तैयार कर लिए गए. सेल सिग्नेचर भी फर्जी कर लिए गए और अकाउंट विभाग से करोड़ों रुपए का भुगतान ठेकेदारों ने अपने बैंक खातों में करा लिया. इस मामले में इंदौर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर अभय राठौर, ठेकेदार जाकिर सहित एक दर्जन ठेकेदार और अधिकारियों को गिरफ्तार किया.
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