Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में क़रीब दो साल पहले हुए लटेरी गोलीकांड (Lateri Firing Case) में आदिवासी की मौत (Death of Tribal) के मामले में अभी तक इंसाफ (Justice) नहीं मिल पाया है. आदिवासी की मौत के मामले में जांच के लिए गठित आयोग (Inquiry Commission) के अध्यक्ष का कार्यकाल फिर एक बार बढ़ा दिया गया है. गोलीकांड में पिछले दो सालों से जांच आयोग की रिपोर्ट (Inquiry Commission Report) पर बस तारीख़ पर तारीख़ मिलती आ रही है.
कब का है मामला?
9 अगस्त 2022 को विदिशा के लटेरी के खटयापुरा में लकड़ी चोरी के शक में वनकर्मियों ने (MP Forest Officers) फायरिंग कर दी थी. इस घटना में चैन सिंह नामक आदिवासी की मौत हो गई थी. हालाँकि पूरी घटना के दौरान तीन लोग गंभीर तौर पर घायल भी हुए थे. मामले के दौरान मृतक के परिजनों ने वनकर्मियों पर जानबूझकर गोलीबारी करने का आरोप लगाया था. उस उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस घटना की जाँच के लिए एक आयोग का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर सौंपी जानी थी, लेकिन जाँच की रिपोर्ट अब तक नहीं सौंपी गई है.
पीड़ित को है न्याय का इंतजार
इस पूरे मामले में पीड़ित पक्ष सालों से इंसाफ़ का इंतज़ार कर रहा है. घायलों का कहना था कि उनके जानवर जंगल में चले गए थे. जिनको खोजने के लिए वे जंगल गए थे, वहीं वनकर्मियों का कहना है कि ये लोग लड़की काटकर ले जा रहे थे. रोकने पर पत्थरों से हमला कर दिया था, ऐसे में आत्मरक्षा के लिए गोली चलाने में एक शख्स को गोली लग गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई.
पूरे मामले में इन बिंदुओं पर जाँच के लिए समिति का गठन हुआ था
1. वे परिस्थितियां जिसमें घटना हुई?
2. क्या वनकर्मियों द्वारा जो बल प्रयोग किया गया, वह घटना की परिस्थितियों को देखते हुए उपयुक्त था या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी व्यक्ति?
3. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु आवश्यक सुझाव
4. ऐसे अन्य विषय, जो जांच के अधीन मामले में आवश्यक या आनुषांगिक समझे जाएं
इस मामले के बाद उस दौरान डिप्टी रेंजर निर्मल कुमार अहिरवार पर हत्या (Murder) का मुकदमा दर्ज कर पुलिस (Police) ने उनको गिरफ्तार कर लिया था, जबकि तत्कालीन डीएफओ (DFO) राजवीर सिंह को हटाकर मुख्यालय अटैच किया गया था. सरकार के मृतक के परिवार को 20 लाख और घायलों को 5-5 लाख का मुआवजा दिया था, लेकिन अब तक ना तो जाँच हुई है ना ही न्याय मिल पाया है. मिला है तो सिर्फ तारीख पर तारीख....
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