Land Mafia in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) जिले में 865 मंदिरों, जिनमें 20 से ज्यादा शहर में हैं, की हजारों बीघा करोड़ों रुपये कीमत की जमीन को भू-माफियायों ने खुर्दबुर्द कर बेच दिया है. ऐसे में मंदिरों के पुजारी और ट्रस्टियों ने सीएम डॉ. मोहन यादव को इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गुहार लगाई है. मामला जब सीएम तक पहुंचा, तो ग्वालियर-चंबल संभाग के कलेक्टर हरकत में आ गए. अब ग्वालियर में भी सभी SDM को ऐसी भूमि चिंहित करने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि मंदिर की इन जमीनों (Mandir Lands) पर अवैध कब्जा का भी मामला सामने आया है.
रियासत काल में दी गई थी जमीन
ग्वालियर में रियासत काल में मंदिरों की देखरेख के लिए काफी जमीन दी गई थी. इसकी फसल से होने वाली आमदनी से मंदिरों के खर्च का प्रबंध होना था. लेकिन, कालांतर में धीरे-धीरे धार्मिक, सामाजिक ट्रस्ट, माफी-औकाफ की ग्वालियर में मौजूद अधिकतर जमीनों को भूमाफियाओं द्वारा खुर्दबुर्द किया जा चुका है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी और भू-माफियाओं के गठजोड़ ने धर्मस्थलों की जमीनों पर कॉलोनियां बसा दी हैं. जबकि, पुरानी धर्मशालाओं के स्वरूप को नियम विरुद्ध खत्म करके या तो होटल बन लिए गए हैं या अन्य व्यावसायिक कामों में उपयोग किया जा रहा है.
हाईकोर्ट में मामला ले जाने की चेतावनी
अब ऐसे में भूमाफियाओं से जमीनों को बचाने के लिए RTI एक्टिविस्ट से लेकर मंदिरों के पुजारी और ट्रस्टी भी मैदान में है..और CM डॉ मोहन यादव से भी गुहार लगाई है..लेकिन उसके बावजूद भी मंदिरों की जमीनों को माफिया क़े चंगुल से मुक्त नही कराया जा सका है.. अब इस मामले को हाई कोर्ट में ले जाने की चेतावनी दी गई है..वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर रूचिका चौहान का कहना है कि हमने SDM को मंदिरों की ज़मीन के कब्जों की जांच के लिए पत्र भेज दिए हैं, जांच के बाद जल्द ही जमीनों से कब्ज़े हटाएं जाएंगे.
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क्या है पूरा मामला
भारत की आजादी के बाद जिला ग्वालियर के 865 मंदिरों को 4290 हेक्टेयर भूमि दी गई थी. इन जमीनों की निगरानी के लिए माफी औकाफ विभाग बनाया गया है. लेकिन, विभाग ने मंदिरों की जमीनों पर ध्यान नहीं दिया. धीरे-धीरे राजस्व विभाग के अमले ने माफियाओं के साथ मिलकर मंदिरों के खसरों में बदलाव कर दिए. 60 से 70 के दशक में जो जमीनें मंदिरों के नाम थीं, वह निजी दर्ज हो गईं. शहरी क्षेत्र की जमीनों में ज्यादा धांधली हुई है.
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