मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी को चुनावी मौसम में दलबदल का सामना करना पड़ रहा है. इस बार कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि सिंधिया के साथ सरकार बनाने के बाद बीजेपी की नीति पूरी तरह से बिगड़ गई है. बीजेपी के सारे सिद्धांत दब गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मूल भाजपाइयों को कुचला जा रहा है. उनकी अवहेलना हो रही है. अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो वफादार नेता बैजनाथ यादव और राकेश गुप्ता बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस में वापस लौट चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक अकेले रघुवंशी ही नहीं विंध्य से 2, महाकौशल और बुंदेलखंड से भी 1-1 बीजेपी विधायकों ने अपना इस्तीफा तैयार रखा है.
वीरेंद्र रघुवंशी मौजूदा विधायक होने के साथ-साथ प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य भी थे. इससे पहले सिंधिया ने ही 2007 के उपचुनाव और 2008 के विधानसभा चुनाव में शिवपुरी विधानसभा सीट से रघुवंशी के लिए कांग्रेस का टिकट सुनिश्चित करवाया था. 2007 के उपचुनाव में वे जीते भी, लेकिन 2008 के चुनाव में वे हार गए. इसके बाद 2013 में भी उन्हें कांग्रेस से टिकट मिला, लेकिन यशोधरा राजे सिंधिया से वो चुनाव हार गए. जिसके बाद रघुवंशी बीजेपी में शामिल हो गए थे.
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सिंधिया ने कहा-लोकतंत्र में सबको अपना निर्णय लेने का अधिकार है
रघुवंशी के बीजेपी छोड़ने के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि चुनाव के माहौल में आवागमन चलता रहता है. वैसे भी लोकतंत्र में सबको अपना निर्णय लेने का अधिकार है. मध्यप्रदेश के इतिहास में परिवर्तन एक बार हुआ था, जब मेरी दादी मां ने डीपी मिश्रा की सरकार को सबक सिखाया था. उन लोगों ने अपने मूल्य और सिद्धांतों के आधार पर एमपी में सरकार स्थापित की. जिसका फल आज हमें राज्य में विकास के साथ देखने को मिल रहा है.
रघुवंशी को शिवपुरी से मिल सकता है कांग्रेस का टिकट
वीरेंद्र रघुवंशी ने अपनी भविष्य की योजनाएं स्पष्ट नहीं कीं, लेकिन उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि वो कांग्रेस में वापस लौट सकते हैं. कांग्रेस उन्हें चौथी बार मौजूदा बीजेपी विधायक और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ शिवपुरी सीट से चुनाव लड़ा सकती है.
वहीं, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा बीजेपी के कई नेता मुझसे संपर्क में हैं. सिंधिया समर्थक हो या बीजेपी का कोई अन्य नेता, हमारा स्थानीय संगठन अगर राजी होगा तभी हम उसे कांग्रेस में एंट्री देंगे. समंदर पटेल भी आए तब भी हमारे अधिकतर स्थानीय नेताओं की सहमति से ही आए.
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इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी, पूर्व विधायक राधेलाल बघेल, पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह, पूर्व विधायक देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह और समंदर सिंह पटेल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है.