स्वच्छ भारत मिशन का MP में क्या हुआ असर? महिलाओं ने कहा- "अब बीमारियां इतनी..."

हमारे देश में साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को शुरू किया था. इस मिशन का मकसद भारत में स्वच्छता और साफ-सफाई को बढ़ावा देना था. स्वच्छ भारत मिशन को 10 साल पूरे होने वाले हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में इस मिशन का क्या असर रहा? खुद महिलाओं की जुबानी सुनिए: 

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Swachh Bharat Mission : 2 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने वाले हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में 2 अक्टूबर को ही इस अभियान को शुरू किया था. इसके बाद से ही देशभर में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया गया. इस अभियान का असर मध्य प्रदेश में भी दिखाई दिया है. इस अभियान को मिशन मोड पर चलाया गया और नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इसमें बढ़ चढ़कर भाग लिया, जिसको धरातल पर उतारने में आंगनबाड़ी महिलाओं की अहम भूमिका रही है. आंगनवाड़ी केंद्रों में तैनात महिलाओं के मुताबिक, स्वच्छ भारत मिशन की वजह से लोगों को कई बीमारियों से निजात मिली है.

MP में स्वच्छ भारत मिशन का असर

आंगनबाड़ी केंद्र में तैनात सोना सिसोलिया ने बताया कि इस मिशन के शुरू होने के बाद से लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक हुए हैं और वह जगह-जगह पर कचरा फैलाने से बचते हैं. अगर कोई शख्स गंदगी करता है, तो दूसरे लोग उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं. यही नहीं, स्वच्छता मिशन की वजह से बीमारियां भी कम हुई हैं.

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महिलाओं ने खुलकर रखी अपनी बात

चंद्रिका सहाय ने कहा कि देश में स्वच्छ भारत मिशन को 10 साल पूरे होने वाले हैं और इसने हमारी जिंदगी में काफी असर डाला है. इस मिशन के दौरान लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता तो बढ़ी ही है, साथ ही लोगों को गंदगी के कारण होने वाली बीमारियों से भी निजात मिली है. ये सब सफाई के कारण ही संभव हो पाया है. स्वच्छता मिशन देश के लिए बहुत लाभकारी साबित हुआ है.

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"पहले से अब बीमारियां इतनी कम गई"

वहीं, सुनीता सराठे ने स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने को लेकर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जब से स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ है, तब से गंदगी भी कम हुई है और अब बीमारियां इतनी कम हो गई है.... और अब वे खुली जगहों पर कूड़ा डालने से बचते हैं.

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