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Tapti Basin Mega Recharge: विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वाटर रीचार्ज परियोजना, सीएम यादव से जानिए इसकी ABCD

CM Mohan Yadav Tapti Basin: एमपी और महाराष्ट्र के बीच शुरू होने वाली ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना को लेकर सीएम मोहन यादव ने जानकारी दी. उन्होंने इस योजना के लाभ और इसकी पूरी प्लानिंग के बारे में बात की.

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सीएम मोहन यादव ने दी ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना को लेकर जानकारी

Tapti River Yojana: ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड रीचार्ज परियोजना (Ground Recharge Project) है. इस अंतर्राज्यीय संयुक्त परियोजना का अवरोध अब दूर हो गया है और जल्द ही महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के साथ चर्चा कर करार करने की ओर बढ़ रहे हैं. जल्द ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भोपाल (Bhopal) आमंत्रित कर करार की कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Dr. Mohan Yadav) शुक्रवार को मंत्रालय में ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज एवं कन्हान उप कछार (Kanhan Sub Alluvium) परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन दोनों ही परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं. ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के जरिए हम महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराएं बनाकर राष्ट्रहित में नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित कर कृषि भूमि का कोना-कोना सिंचित करेंगे.

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों की संयुक्त परियोजना के रूप में प्रस्तावित है. इस योजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं महाराष्ट्र के 2,34,706 सेक्टर में सिंचाई प्रस्तावित है. योजना में भूजल भंडारण का विस्तार किया जाएगा, जिससे प्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा जिलों की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा तहसीलें लाभान्वित होंगी.

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ऐसे एमपी के लिए फायदेमंद है ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना को राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन और कन्हान उप कछार में मध्य प्रदेश द्वारा प्रस्तावित कन्हान (जामघाट) बहुउद्देशीय परियोजना में एमपी के जल हितों का विशेष ध्यान रखा जाए. इसके लिए महाराष्ट्र राज्य से सतत संवाद कर दोनों परियोजनाओं के‍ क्रियान्वयन में तेजी लाएं. उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टी.एम.सी जल का उपयोग होगा. इसमें से 11.76 टी.एम.सी एमपी को और 19.36 टी.एम.सी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा. इस परियोजना में प्रस्तावित बांध एवं नहरों से मध्यप्रदेश कुल 3 हजार 362 हेक्टेयर भूमि उपयोग में लाई जाएगी. 

एमपी में इतने हजार हेक्टेयर जमीन की होगी सिंचाई आसान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के मार्गदर्शन और उनके परामर्श से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के पूरा होने पर एमपी के 1 लाख 23 हजार 82 हेक्टेयर जमीन और महाराष्ट्र के 2 लाख 34 हजार 706 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की स्थाई सुविधा उपलब्ध होगी. इस परियोजना से एमपी के बुरहानपुर एवं खण्डवा जिले की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा की कुल चार तहसीलें लाभान्वित होंगी.

नदियों के एक-एक बूंद पानी का उपयोग संभव

कन्हान उपकछार में जल उपयोगिता के लिए मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्पलेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से महाराष्ट्र के नागपुर शहर को भी पानी मिलेगा और छिंदवाड़ा जिले के कृषि क्षेत्र में भी पर्याप्त जल उपलब्ध होगा. प्रदेश की एक-एक नदी के एक-एक बूंद जल का समुचित उपयोग राष्ट्र और राज्य के हित में करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीएम यादव ने बताया कि जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य प्रारंभ किया है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा नदी जोड़ो की बड़ी राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया जा रहा है. 

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ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना की चार जल संरचनाएं:- 

1. खरिया गुटीघाट बांध स्थल पर लो डायवर्सन वियर : यह वियर दोनों राज्यों की सीमा पर मध्य प्रदेश की खंडवा जिले की खालवा तहसील एवं महाराष्ट्र की अमरावती तहसील में प्रस्तावित है. इसकी जल भराव क्षमता 8.31 टीएमसी प्रस्तावित है.

2. दाई तट नहर प्रथम चरण : प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर क़े दाएं तट से 221 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है, जो मध्य प्रदेश में 110 किलोमीटर बनेगी. इस नहर से मध्य प्रदेश के 55 हज़ार 89 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी.

3. बाई तट नहर प्रथम चरण : प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर के बाएं तट से 135.64 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है जो मध्यप्रदेश में 100.42 किलोमीटर बनेगी. इस नहर से मध्यप्रदेश के 44 हज़ार 993 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है.

4. बाईं तट नहर द्वितीय चरण : यह नहर बाईं तट नहर प्रथम चरण के आर डी 90.89 कि मी से 14 किलोमीटर लम्बी टनल के माध्यम से प्रवाहित होगी. इसकी लंबाई 123.97 किलोमीटर होगी, जिससे केवल महाराष्ट्र के 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है.

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