7 वर्षों के बंधन से मिली आजादी! इंदौर में NGO ने किया रेस्क्यू, अब मेंटल हॉस्पिटल भेजा

Indore News: इंदौर में 30 वर्षीय युवक को 7 साल तक बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया. वजह उसका मानसिक संतुलन ठीक न होना है. इतने सालों में हर मौसम चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात, वह ऐसे ही बेड़ियों में बंधा रहा.

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Indore News: एनजीओ ने किया रेस्क्यू

Indore News: इंदौर शहर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, यहां पिछले 7 सालों से एक युवक को उसी के घर वालों ने घर के बाहर जंजीरों से बांधकर रखा हुआ था. इसकी जानकारी जैसे एक एनजीओ (NGO) को प्राप्त हुई वैसे ही तत्काल उन्होंने मौके पर पहुंच इस युवक को रेस्क्यू किया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक युवक मानसिक तौर पर बीमार था, जिसके चलते उसके घर वाले लगातर जादू टोना इलाज के नाम पर करवा रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने अपने बेटे को घर के बाहर जंजीरों से बांध रखा था. यह पूरी घटना खजराना थाना क्षेत्र की है, जहां यह परिवार रहता है. पिछले 7 सालों से बंधा यह युवक ठंड, गर्मी या बारिश किसी भी प्रकार के मौसम में ऐसे इसी हालत में घर के बाहर बंधा रहता था. हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी इसका अंदाजा जंग खा रही जंजीरों से भी पता लगाया जा सकता है. फिलहाल युवक को रेस्क्यू कर मेंटल हॉस्पिटल भेज दिया गया है, जहां उसका इलाज जारी है.

क्या है पूरा मामला?

इन दिनों इंदौर में शहर को भिक्षुकों से मुक्त करने का अभियान चल रहा है. जिसके तहत प्रवेश NGO भिक्षुकों का रेस्क्यू कर रही है. इसी दौरान युवक के बंधे होने की सूचना मिली. तस्दीक होने के बाद उसका रेस्क्यू किया गया. प्रवेश संस्था की अध्यक्ष रुपाली जैन को पिछले दिनों सूचना मिली थी कि खजराना थाने के सामने 30 वर्षीय युवक को कई सालों से बेड़ियों में बांधकर रखा गया है. टीम ने तस्दीक की तो पता चला कि युवक को एक पुराने ठेले से बेड़ियों से बांधकर रखा है.

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NGO की टीम मौके पर पहुंची और पास जाकर देखा तो पता चला कि युवक के दोनों पैर मोटी बेड़ियों के साथ बंधे थे. बेड़ियों का दूसरा छोर दो सिरों पर सब्बल गाड़कर उसमें दो ताले लगा दिए थे. दोनों कलाइयां भी मोटी बेड़ियों के साथ बड़े ताले जड़े हुए थे.

कुछ देर बाद लोगों ने टीम को छेनी और बड़ा हथौड़ा लाकर दिया. तब तक टीम ने उसकी बेड़ियों को उखाड़ा, यह जमीन में सब्बलों के साथ गड़ी थी. फिर दोनों पैरों की बेड़ियां छेनी-हथौड़े से काटी. इस तरह उसके दोनों हाथ-पैर आधी बेड़ियों से मुक्त किए. फिर बेड़ियों को काटा.

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