मध्य प्रदेश के कटनी जिले में नगरीय निकायों सामने बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है. NGT के निर्देशों की अवहेलना करना नगरीय निकायों को भारी पड़ा है. नदी में नालों का पानी को रोकने के लिए तय समय में STP (Sewage Treatment Plan) का निर्माण नहीं कराया गया. जिसके चलते कटनी नगर निगम और जिले की अन्य 3 नगर परिषदों में 4 करोड़ 96 लाख का जुर्माना लगाया गया है. दरअसल, जिले में नदियों के पानी को शुद्ध बनाए रखने के लिए एक नियम बनाया गया है.
गंदे पानी को छोड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं
इस नियम के तहत शहर और नगर की नालियों के गंदे पानी को नदियों में न छोड़कर, उसे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए अन्य मदों में उपयोग किया जाना चाहिए. इसी कड़ी में NGT के नियमों को ताक पर रखकर नगरीय प्रशासन नालियों के गंदे पानी को नदियों में छोड़ता रहा. अब इस मामले में जांच रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को सौंपी गई. जिसके बाद NGT एनजीटी ने कटनी जिले के नगरीय निकायों पर 4 करोड़ 96 लाख का जुर्माना लगा दिया.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लान का नहीं हुआ निर्माण
इस मामले पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक यंत्री सुधांशु तिवारी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि NGT के पारित आदेश के मुताबिक, नगरीय निकायों पर जुर्माना लगाया गया है. नगरीय निकायों को दिसंबर 2020 तक STP (Sewage Treatment Plan) का निर्माण कराना था. लेकिन आदेशों को पूरा नहीं करने पर NGT ने नगर निगम कटनी पर 2 करोड़ 44 और नगर परिषद कैमोर पर 1 करोड़ 44 लाख का लाख का जुर्माना लगाया है. साथ ही नगर परिषद विजयराघवगढ़ पर 64 लाख तो वहीं नगर परिषद बरही पर 44 लाख का जुर्माना लगाया गया है.
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जानिए क्या होता है सीवेज ट्रीटमेंट प्लान
जानकारी के लिए बता दें कि गंदे पानी को साफ करने के लिए तमाम तरह की विधियों का इस्तेमाल किया जाता है. STP यानी कि Sewage Treatment Plan भी उन्हीं में से एक है. इसकी मदद से गंदे पानी को दोबारा साफ़ किया जाता है जिससे कि उसका दोबारा इस्तेमाल हो सके. इससे निकलने वाली गंदगी को भी इस तरह से रीफाइन किया जाता है जिससे कि उसका इस्तेमाल वातावरण के सहायक के रूप में कर सके.
NGT ने नगर निकाय पर लगाया जुर्माना
इसके साथ ही STP का भी तुरंत निर्माण करने का आदेश दिया गया है. जुर्माने की राशि जमा कराने के लिए कलेक्टर को भी एक कॉपी भेजी गई है ताकि नगर निगम की तरफ से जुर्माने की राशि को जमा कराया जा सके. आपको बता दें कि NGT की तरफ से नगर निगम और परिषदों को लगाए गए जुर्माने के बाद भी नगर निगम ने नदियों में दूषित जल के प्रवाह को रोकने के लिए अबतक कोई पहल नहीं की है. NDTV की टीम ने कटनी नदी के गाटरघाट में जाकर जायजा लिया जिसमें सीवर का पानी नदी में प्रवाहित हो रही है जिसके चलते नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है.