दोबारा शुरू होगी श्रीलंका सीता मंदिर परियोजना, बढ़ेगा पुजारियों का मानदेय... हिंदुओं से कमलनाथ ने किए वादे

कमलनाथ ने धार्मिक स्थलों के रखरखाव और अन्य कार्यों में लगे पुजारियों और अन्य व्यक्तियों की आजीविका के संबंध में नियमों में सुधार करने का वादा करते हुए कहा, 'वैदिक शिक्षा प्रदान करने के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा.'

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Madhya Pradesh Election 2023 : मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) प्रमुख कमलनाथ (Kamalnath) ने मंगलवार को कहा कि अगर प्रदेश में सत्ता में आती है तो श्रीलंका (Sri Lanka) में सीता माता मंदिर के निर्माण की परियोजना पर दोबारा काम कराएंगे. इसके अलावा उन्होंने कई और वादे किए, जिनमें ज्यादातर हिंदू समुदाय (Hindu Community) से संबंधित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार राज्य में आस्था और संस्कृति के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने दशहरे (Dussehra) के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हिंदुत्व के मुद्दे का मुकाबला करने के लिए हिंदू पुजारियों के मानदेय में वृद्धि के अलावा उन्हें बीमा कवर (Insurance Cover) प्रदान करने का भी वादा किया.

कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रमुख घोषणाएं कीं. इनमें श्री राम वन गमन पथ का विकास (माना जाता है कि भगवान राम ने यह मार्ग वन में अपने वनवास के दौरान अपनाया था), भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करना, मुरैना में रविदास पीठ और रीवा में संत कबीर पीठ की स्थापना करना शामिल हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि अंतिम संस्कार करने के लिए हिंदू समुदाय के सदस्यों को वित्तीय मदद देने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी. कमल नाथ के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने श्रीलंका में सीता माता (देवी सीता) मंदिर के निर्माण की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार के बीच में ही गिर जाने के कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई.

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कमलनाथ ने क्या वादे किए?

कमलनाथ ने कहा,

'मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही श्रीलंका में सीता माता मंदिर के निर्माण की परियोजना को दोबारा से शुरू किया जाएगा.'

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि विजयादशमी के इस पवित्र पर्व पर, 'मैं मध्य प्रदेश के लोगों को बताना चाहता हूं कि कांग्रेस सरकार आस्था और संस्कृति के उत्थान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.' उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम, निषादराज और केवट राज की मूर्तियां- सभी रामायण से संबंधित- चित्रकूट में स्थापित की जाएंगी और महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इन मंदिरों में दर्शन के लिए टिकट प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाएगी कि कोई भी देवी-देवताओं की पूजा करने से वंचित न रहे.

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धार्मिक स्थलों से हटेगा अतिक्रमण

कमलनाथ ने कहा,

'सत्ता में आते हैं तो हम श्रवण कुमार मातृ-पितृ भक्ति योजना शुरू करेंगे, जिसके तहत दाह संस्कार और उसके बाद 'अस्थि विसर्जन' के अनुष्ठान के लिए दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.'

उन्होंने धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और सर्व प्रार्थना स्थल के विकास का भी वादा किया, जहां गुरुओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि नई सरकार सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों से 'अतिक्रमण और अवैध कब्जे' हटाएगी. 

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पुजारियों की आजीविका में सुधार का वादा

कमलनाथ ने धार्मिक स्थलों के रखरखाव और अन्य कार्यों में लगे पुजारियों और अन्य व्यक्तियों की आजीविका के संबंध में नियमों में सुधार करने का वादा करते हुए कहा, 'वैदिक शिक्षा प्रदान करने के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि सरकार बीआर आंबेडकर के जन्मस्थान पर एक राष्ट्रीय स्मारक के विकास के अलावा महू में उन्हें समर्पित 'मानवता की मूर्ति' स्थापित करेगी. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होने हैं.