'महाराज जी' चुनाव लड़ेंगे तो टिकट वापस करके प्रचार करूंगी... ग्वालियर में बोलीं सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी

पूर्व मंत्री इमरती देवी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है. वहां भगदड़ मची है. बीजेपी मजबूत है इसलिए लोग जुड़ रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
ग्वालियर में बोलीं सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी, 'मैं चुनाव लड़ने तो तैयार हूं लेकिन...'

Gwalior News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की कट्टर समर्थक प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री इमरती देवी ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. इमरती देवी (Imarti Devi) ने कहा कि पार्टी उन्हें एमपी की चार सीटों में से जिस SC सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहेगी मैं चुनाव लड़ लूंगी.

उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी ग्वालियर सीट से लड़ने की बात कहते हुए कहा कि यदि महाराज सिंधिया ग्वालियर लोकसभा सीट (Gwalior Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ेंगे तो वह टिकट वापस कर देंगी और अपने महाराज के लिए प्रचार करेंगी.

यह भी पढ़ें : 'आडवाणी के मार्गदर्शन से हुआ राम मंदिर मुद्दे का समाधान', CM मोहन यादव ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

'कई लोग कांग्रेस छोड़ने के लिए तैयार हैं'

पूर्व मंत्री इमरती देवी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है. वहां भगदड़ मची है. बीजेपी मजबूत है इसलिए लोग जुड़ रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जिस दिन महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी जाएंगे उस दिन वहां 10 हजार कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन करेंगे. डबरा में भी बहुत से लोग कांग्रेस छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं.

Advertisement

लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर इमरती देवी ने कहा कि वह राजनीति में हैं तो क्यों नहीं चुनाव लड़ना चाहेंगी. लेकिन जहां एससी सीट होगी वह वहीं से लड़ेंगी. पार्टी प्रदेश की जिस एससी सीट से टिकट देगी वह चुनाव लड़ेंगी.

यह भी पढ़ें : बिहार के लड़के MP में कर रहे कमाल! 'मधुमक्खियों का मित्र' परिवार छत्तों से पलक झपकते निकाल देता है शहद 

Advertisement

''महाराज जी' चुनाव लड़ेंगे तो वापस कर दूंगी टिकट'

सिंधिया के लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग के सवाल पर इमरती देवी ने कहा कि मैं भी चाहती हूं कि महाराज (सिंधिया) ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरें. अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो मुझे अगर पार्टी टिकट भी देती है तो मैं उसे लौटा दूंगी और महाराज के लिए काम करूंगी क्योंकि हम तो उनके कार्यकर्ता हैं, सेवक हैं, सिपाही हैं.

Topics mentioned in this article