'राम मंदिर का आमंत्रण ठुकराने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी', सिंधिया ने राहुल की यात्रा को बताया 'पर्यटन'

सिंधिया ने राम मंदिर निर्माण में सिंधिया परिवार के सहयोग का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के इंतजार के बाद रामलला दोबारा विराजे हैं. इसके लिए कई पीढ़ियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है.

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सिंधिया ने राहुल की यात्रा को बताया 'पर्यटन'

Gwalior News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर तीखी टिप्पणी की है. 'एक ही व्यक्ति को मंदिर में दर्शन करने के अधिकार' को लेकर राहुल गांधी की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा है कि मंदिर में दर्शन करने के अधिकार की बात करने वाले जो पर्यटक हैं उनको भी मंदिर के आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. जिन्होंने भगवान राम के मंदिर (Ram Mandir) के आमंत्रण को इनकार किया, देश की जनता ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगी.

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'राम मंदिर के बाद अब विश्व गुरू की स्थापना अगला लक्ष्य'

राम मंदिर में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सिंधिया ने कहा कि कल का दिन पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक था. भगवान राम को पुनः उनके भव्य मंदिर में स्थापित किया गया. यह मां भारती के योग्य पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में संभव हो पाया. उस कार्यक्रम के साथ देश की 140 करोड़ जनता की आस्था ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के भगवान राम के अनुयायियों की आस्था जुड़ी हुई है. 

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सिंधिया ने कहा, 'जैसा प्रधानमंत्री ने कहा, शिलान्यास 2019 में हुआ और कल लोकार्पण हुआ. हमारा कार्य कल से शुरू होता है. राष्ट्र को विश्व गुरू के रूप में स्थापित करना है. भारत को विश्व गुरू के रूप में स्थापित करने के लिए हर नागरिक को मेहनत और मशक्कत के आधार पर अपना योगदान देना है.

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'राम मंदिर में आजी अम्मा का भी योगदान' 

सिंधिया ने राम मंदिर निर्माण में सिंधिया परिवार के सहयोग का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के इंतजार के बाद रामलला दोबारा विराजे हैं. इसके लिए कई पीढ़ियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है. देश भर ने पूर्ण रूप से इस कार्यक्रम के लिए अपना योगदान दिया है. स्वयं मेरी आजी अम्मा पूर्व राजमाता साहब ने भी इस कार्यक्रम के लिए अपनी आवाज उठाई थी और अपना योगदान दिया था.

उन्होंने कहा, 'आज उन सभी महानुभावों को भी हम याद करते हैं और इस अलौकिक और महत्त्वपूर्ण देश के इतिहास और भगवान राम के श्री चरणों में नमन करके उनका आशीर्वाद ग्रहण करके राज्य और राष्ट्र के विकास और प्रगति में योगदान देने के लिए अपना संकल्प लेंगे.'

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