जीवाजी यूनिवर्सिटी: भ्रष्टाचार का अनोखा विरोध, VC ऑफिस के सामने चिपकाएं मान्यता के रेट कार्ड

आरोप है कि इस वर्ष आचार संहिता का बहाना लेकर एक साल की कॉलेजों की संबद्धता बिना निरीक्षण के दे दी गई. अंचल में दर्जनो ऐसे कॉलेज हैं जो एक ही कमरे में चल रहे हैं और परीक्षाएं हो रही हैं. उन कॉलेजों को इन्होंने बिना निरीक्षण के संबद्धता दे दी है. इसका मतलब यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में संबद्धता को लेकर रेट कार्ड चल रहा है, पैसा दो संबद्धता लो.

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Madhya Pradesh News: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University Gwalior) का नाम भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर हमेंशा सुर्खियों में रहता है. इसको लेकर धरना, आंदोलन और विरोध प्रदर्शन (Protest) होते ही रहते हैं, लेकिन इस बार यहां के भ्रष्टाचार का एकदम अनूठे ही अंदाज़ में विरोध किया गया है. इसमें छात्रों (Students) ने विश्वविद्यालय में काम के बदले किसको कितने पैसे देने होते हैं? इसके रेट कार्ड (Rate Card) ही कुलपति (Registrar) और रजिस्ट्रार (Vice Chancellor) दफ्तर सहित यूनिवर्सिटी कैंपस में जगह-जगह पोस्टर चिपका दिये. इस मामले की जानकारी लगते ही कुलपति डॉ अविनाश तिवारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इन पोस्टर में वीसी (VC) से लेकर सभी अफसरों के रेट बताए गए हैं. यह आरोप निजी कॉलेजों को मान्यता देने को लेकर लगाए गए हैं. पोस्टर में लिखा है कि बिना अनुमति के कॉलेज की संबद्धता लेने के लिए खुले रेट...

MP News: ग्वालियर जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगाई गई रेट लिस्ट

यह रेट बताए गए 

सभी महाविद्यालयों के लिए एक साथ राशि जमा करने वाली राशि एक करोड़ रुपए बताई गई है. गौरतलब है कि इन दिनों जीवाजी विश्वविद्यालय निजी महाविद्यालयों को संबद्धता देने के मामले में सुर्खियों में है. आरोप है कि बिना निरीक्षण (Without Inspection) किए जीवाजी विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को संबद्धता (College Affiliations) दे दी. इसको लेकर

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एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और अध्ययनशाला में रेट कार्ड चस्पा कर दिए. जिसमें लिखा है कि कुलपति 50 लाख, कुल सचिव 30 लाख और अन्य खर्च 10 लाख सहित कुल एक करोड़ रुपए एक साथ दें और बिना निरीक्षण के महाविद्यालय की संबद्धता हासिल करें. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति भवन के चारों तरफ यह रेट लिस्ट चस्पा कर दिए हैं.

संबद्धता देने में भ्रष्टाचार के आरोप 

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज की संबद्धता जारी करने की प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सत्र 2024-25 के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज को संबद्धता जारी करने की प्रक्रिया लगातार विवादों में है. NSUI के अध्यक्ष वंश माहेश्वरी का कहना है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में निजी कॉलेजों की संबद्धता देने में  घोटाले के मामले सामने आते रहे हैं.

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आरोप है कि इस वर्ष आचार संहिता का बहाना लेकर एक साल की कॉलेजों की संबद्धता बिना निरीक्षण के दे दी गई. अंचल में दर्जनो ऐसे कॉलेज हैं जो एक ही कमरे में चल रहे हैं और परीक्षाएं हो रही हैं. उन कॉलेजों को इन्होंने बिना निरीक्षण के संबद्धता दे दी है. इसका मतलब यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में संबद्धता को लेकर रेट कार्ड चल रहा है, पैसा दो संबद्धता लो.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरू की जांच

वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विमल सिंह राठौड़ का कहना है कि ऐसा मामला संज्ञान में आया है. इस मामले को लेकर कुलपति महोदय ने जांच कराने की बात कही है.

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