Bhind College Exam Cheating: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में नकल का दाग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बीएससी के सेकंड सेमेस्टर के पहले ही पेपर में जमकर नकल चली. नकल की सूचना मिलते ही लीड कॉलेज के प्राचार्य सेंटर पर पहुंचे. इस दौरान प्राचार्य ने छात्र को नकल करते रंगे हाथों पकड़ा, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके बाद परीक्षा केंद्र को निरस्त कर दिया गया. अब अगला एग्जाम लीड कॉलेज पीएमश्री एमजेएस महाविद्यालय में होगा.
क्या है पूरा मामला?
भिंड जिले में महाविद्यालय की परीक्षा कराने के लिए जीवाजी यूनिवर्सिटी ने परीक्षा केंद्र बनाए थे. पीएमश्री एमजेएस महाविद्यालय के प्राचार्य रामअवधेश शर्मा ने अटेर, आलमपुर, लहार एंव मेहगांव परीक्षा केंद्रों की शिकायत की. यहां पहले भी नकल करते पकड़े जाने पर केंद्राध्यक्ष पर कार्रवाई की जा चुकी है. इसलिए कुछ मान्यता प्राप्त कॉलेज पर परीक्षा कराने का आग्रह किया था. इसमें अलग 10 कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए लिखा गया था. साथ ही, उन कॉलेजों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और फ्लाइंग टीम बनाने की मांग की थी. लेकिन, जीवाजी ने उनकी बात नहीं मानी.
छात्रों ने पर्यवेक्षक को दी धमकी
पीएमश्री एमजेएस महाविद्यालय के प्राचार्य रामअवधेश शर्मा ने कहा कि एक पर्यवेक्षक ने शिकायत की थी कि ऋषीश्वर महाविद्यालय में BA के सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा में खुलेआम नकल चल रही है. छात्र गाइड और चिट के सहारे जमकर नकल कर रहे हैं, जिनको नकल के लिए रोका गया. छात्रों के कुछ समर्थकों ने पर्यवेक्षक को धमकी दी. साथ ही, कलेक्टर से शिकायत करने की बात कही. जिसके बाद प्राचार्य अपनी फ्लाइंग टीम लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे.
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प्राचार्य ने जीवाजी पर लगाया आरोप
प्राचार्य ने इस नकल के मामले में जिम्मेदार जीवाजी यूनिवर्सिटी को बताया है. उनका कहना है कि पहले ही यूनिवर्सिटी को नकल वाले परीक्षा केंद्र बता दिए गए थे, फिर क्यों बनाए. उनका कहना है कि कम छात्र वाले या एक भी छात्र नहीं होने वाले महाविद्यालय के परीक्षा केंद्र लीड कॉलेज एमजेएस को बनाएंगे. ज्यादा छात्र वाले महाविद्यालय के केंद्र दूर बनाते हैं, जिससे छात्र नकल से आसानी से पास होते है. प्राचार्य ने सबसे बड़ा खुलासा किया कि दूर के कॉलेज बनने से उनमें नकल से परीक्षा कराने के लिए बड़ी रकम का लेनदेन किया जाता है, लेकिन उसके सबूत अभी तक नहीं मिले.
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