Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में झाबुआ जिले के एक वन क्षेत्र में खेतों के पास 11 मोर मृत पाए गए. इसकी सूचना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया. मोरों की मौत किस वजह से हुई है फिलहाल स्पष्ट नहीं है. विभाग ने मौतों का कारण जानने लिए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मूने जांच के लिए भेजे गए
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि ये पक्षी थांदला तहसील के ढेबर बड़ी गांव में मृत पाए गए. जिसकी सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मोरों के शवों को मेघनगर ले आए.अधिकारी ने बताया कि झाबुआ के पशु चिकित्सालय में उनका पोस्टमार्टम किया गया और उनके विसरा के नमूने जांच के लिए भेजे गए.
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मामला दर्ज
झाबुआ के डीएफओ सुनील सुलिया ने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि स्थानीय अदालत की अनुमति से मृत मोरों को दफन कर दिया गया.आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की पेटलावद, थांदला और झाबुआ तहसीलों में मोरों की बड़ी संख्या पाई जाती है.
किसान अपनी फसलों को जानवरों और पक्षियों से बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं. एक पर्यावरणविद् ने बताया कि कई बार ऐसी फसलें खाने से मोर मर जाते हैं.
जिला पर्यावरण वाहिनी के संयोजक दिलीप सिंह ने कहा कि जिले में मोरों के संरक्षण के लिए कोई ठोस परियोजना लागू नहीं की जा रही है. नतीजतन, ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती हैं.उन्होंने कहा कि वन विभाग को मोरों के संरक्षण के लिए एक अभयारण्य बनाना चाहिए.
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