MP News: जबलपुर के तन्मय बने आयरनमैन, ऑस्ट्रिया में समय से पहले चुनौती पूरा कर जीता खिताब

MP Latest News: तन्मय ने बताया कि इस कठिन प्रतियोगिता की तैयारी उन्होंने पिछले एक साल से की थी. हर हफ्ते 12-14 घंटे की प्रैक्टिस जिसमें तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ शामिल थी.  इसके अलावा, सप्ताह में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी उनकी दिनचर्या का हिस्सा थी.

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Jabalpur: तन्मय ने बताया कि इस कठिन प्रतियोगिता की तैयारी उन्होंने पिछले एक साल से की थी.

जबलपुर के तन्मय बने आयरनमैन

हाल ही में क्लागेनफ़र्ट, ऑस्ट्रिया में आयोजित विश्व की सबसे कठिन एक दिवसीय एंड्यूरेंस इवेंट, आयरनमैन कर्नटेन में जबलपुर (Jabalpur) के तन्मय दुबे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए समय से पहले इसे पूरा किया और आयरनमैन का खिताब हासिल किया. इस प्रतियोगिता की खासियत यह है कि इसमें मानव शरीर की सहनशक्ति की चरम परीक्षा ली जाती है. इसमें प्रतिभागियों को 3.8 किलोमीटर तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग, और 42.2 किलोमीटर की मैराथन दौड़ में शामिल होना पड़ता है. तन्मय ने 17 घंटे की निर्धारित समय सीमा में 15 घंटे 58 मिनट में इस चुनौती को पूरा किया.

मध्य प्रदेश से रहा है गहरा नाता

तन्मय दुबे का जन्म 14 अगस्त 1980 को जबलपुर के संजीवनी नगर में हुआ था. तन्मय नरेंद्र नाथ दुबे और संगीत दुबे के पुत्र हैं. उन्होंने क्राइस्ट चर्च स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और फिर जबलपुर से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने कई नामचीन आईटी कंपनियों में काम किया. उनके मामा रिटायर्ड ए आई जी पुलिस राजेश तिवारी बताते हैं कि तन्मय बचपन से ही कुछ अलग करना चाहते थे. उनमें किसी भी काम के लिए गजब का समर्पण है, बचपन से युवा होने तक तन्मय की बेजोड़ क्षमता दिखने लगी थी तभी वह यह लक्ष्य हासिल कर पाए. तन्मय के भाई राहुल तिवारी ने भी तन्मय के परिश्रम की सराहना की. तन्मय ने हेवलेट पेकोर्ड कंपनी में बिजनेस मैनेजर के रूप में काम करते हुए इंदौर और भोपाल में भी समय बिताया था.

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इस घटना से बदल गया जिंदगी का नजरिया

तन्मय एक किस्सा साझा करते हुए बताते हैं कि एक बार लंबी यात्रा के दौरान उनकी साइकिल पंचर हो गई. पंचर की दुकान 3 किलोमीटर दूर थी और थकान के बावजूद उन्होंने वहां तक पहुंचने की हिम्मत जुटाई. साइकिल ठीक कराने के बाद वापस लौटने पर पंचर बनाने वाले व्यक्ति ने उन्हें सही दिशा दिखाई. पंचर बनाते समय बात की कहा परिश्रम से ही सफलता मिलती है, जिस तरह गर्मी में पंचर बनवाने लाए हो तो सफलता मिली. जिससे तन्मय का नजरिया बदल गया और वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ चले.

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एक साल से कर रहे थे तैयारी

तन्मय ने बताया कि इस कठिन प्रतियोगिता की तैयारी उन्होंने पिछले एक साल से की थी. हर हफ्ते 12-14 घंटे की प्रैक्टिस जिसमें तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ शामिल थी.  इसके अलावा, सप्ताह में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी उनकी दिनचर्या का हिस्सा थी. 2019 में ऑस्ट्रेलिया में 70.3 किलोमीटर लंबी हाफ आयरनमैन प्रतियोगिता में असफलता के बाद उन्होंने इस बार पूरी लगन से तैयारी की. इस बार तन्मय अपने आयु वर्ग में फुल आयरनमैन पूरा करने वाले भारत के एकमात्र पुरुष प्रतिभागी थे.

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अमेजन वेब सर्विस में सीनियर पार्टनर डेवलपमेंट मैनेजर

वर्तमान में तन्मय अमेजन वेब सर्विस में सीनियर पार्टनर डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं और छह पुस्तकों के लेखक भी हैं. उनकी सफलता ना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि यह दिखाती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है. तन्मय अपनी इस उपलब्धि को उन सभी कॉर्पोरेट कर्मचारियों को समर्पित करना चाहते हैं जो अपने काम के दबाव के कारण स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते.

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