Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में पिछले वर्ष सामने आए बड़े धान घोटाले के बाद जबलपुर जिला प्रशासन ने इस बार धान खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. बीते वर्ष यह खुलासा हुआ था कि कुछ राज्यों से सस्ते दामों पर धान खरीदकर उसे जबलपुर में सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा गया, जिससे भारी मुनाफा कमाया गया और असली किसान वंचित रह गए.
पिछले वर्ष जबलपुर में 5.50 लाख मी टन धान के उत्पादन के मुकाबले 381000 मी टन धान एमएसपी पर खरीदी गई थी.इस वर्ष 170000 हैक्टेयर यानी लगभग 5 लाख एकड़ भूमि पर धान की फसल लगाई गई है जिसमें 3 लाख किसान खेती से आश्रित है.इसी को देखते हुए इस वर्ष कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने जिले में अवैध धान भंडारण की सूचना देने वालों के लिए पुरस्कार योजना लागू की है. इस योजना में विभिन्न श्रेणियों में अवैध भंडारण की जानकारी देने पर सूचनादाता को पुरस्कृत किया जाएगा.भारतीय किसान संघ ने भी जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की है.
100 क्विंटल तक अवैध भंडारण की सूचना पर 5100 रुपये, 100 से 200 क्विंटल के भंडारण पर 11000 रुपये,200 से 500 तक भंडारण पर 21000 रुपये का इनाम मिलेगा.
प्रशासन की इस योजना का असर तुरंत दिखाई देने लगा है. गुप्त सूचनाएँ मिलते ही प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर रहा है. दो दिनों के भीतर ही 3000 क्विंटल से अधिक अवैध धान भंडारण पकड़ा जा चुका है, हालांकि कुछ किसानों ने कार्रवाई को गलत बताया है। उनका कहना है कि उनके खेत दूर होने के कारण उन्होंने धान को एक खुली जगह पर रखा था, जो पूरी तरह उनका ही उत्पादन है, न कि बाहर से खरीदा गया।
जांच की जा रही है
वर्तमान में प्रशासन दोनों पक्षों की बातें सुनकर जांच कर रहा है कि संबंधित धान वास्तव में किसानों की अपनी उपज है या कहीं बाहर से खरीदा गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन का यह कदम भ्रष्टाचार रोकने और वास्तविक किसानों को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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