Madhya Pradesh News:मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए “हमारे शिक्षक एप” के माध्यम से ई-अटेंडेंस अनिवार्य किए जाने के खिलाफ अब मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ 27 शिक्षकों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है.
मामले की सुनवाई जस्टिस एम.एस. भट्टी की एकलपीठ में हुई. अदालत ने याचिकाकर्ता शिक्षकों और राज्य सरकार दोनों से हलफनामे के माध्यम से जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि “हमारे शिक्षक एप” के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने में शिक्षकों को कई व्यावहारिक और तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई शिक्षकों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, वहीं कुछ को प्रतिदिन डेटा पैक, मोबाइल बैटरी और नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्याओं से जूझना पड़ता है.
इसके अलावा एप में सर्वर डाउन, फेस रिकग्निशन (चेहरा मिलान) और लॉग-इन से संबंधित तकनीकी खामियों की शिकायतें भी आम हैं. अधिवक्ता ने बताया कि कई स्थानों पर अधिकारी शिक्षकों को वेतन रोकने की चेतावनी देकर ई-अटेंडेंस के लिए बाध्य कर रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आग्रह किया कि ई-अटेंडेंस प्रणाली को या तो बायोमेट्रिक मशीनों से प्रतिस्थापित किया जाए या पूर्व की तरह रजिस्टर पर हस्ताक्षर आधारित उपस्थिति प्रणाली को पुनः लागू किया जाए.
हाईकोर्ट ने ये कहा
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उन्होंने वास्तव में एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास किया है. वहीं राज्य सरकार से उन स्कूलों के आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा गया है जहां वर्तमान में ई-अटेंडेंस प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा रही है.