Hamare Shikshak app: मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने 1 जुलाई 2025 से प्रदेश भर के सभी शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए हमारे शिक्षक (Hamare Shikshak) ऐप लॉन्च किया था. इस ऐप के जरिए ई-अटेंडेंस एप को अनिवार्य कर दिया गया. लेकिन जबलपुर की एक शिक्षिका ने हमारे शिक्षक ऐप एक थर्ड पार्टी ऐप है. इसे अपने निजी फोन का एक्सेस देना ठीक नहीं है.
दरअसल, जबलपुर के महाराजपुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका ज्योति पांडे को हमारे शिक्षक ऐप पर उपस्थिति दर्ज न करने के कारण प्राचार्य ने नोटिस जारी किया गया. इस नोटिस का जवाब सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. मामला यह दर्शाता है कि डिजिटल व्यवस्था और निजता के बीच संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
शिक्षिका ने जताई निजता की चिंता
शिक्षिका ज्योति पांडे ने नोटिस के जवाब में कहा कि विभाग ने उन्हें कोई सरकारी मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं कराया है. उनके पास जो निजी फोन है, उसमें फोटो, लोकेशन, बैंकिंग और व्यक्तिगत जानकारियां हैं. किसी थर्ड पार्टी ऐप को फोन का एक्सेस देना निजता का हनन होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन से डेटा सुरक्षा और सायबर क्षतिपूर्ति का आश्वासन मिलने तक वह ऐप का उपयोग नहीं करेंगी.
छुट्टियों के बीच नोटिस भेजना भी विवादित
शिक्षिका ने यह भी बताया कि नोटिस विद्यालय समय समाप्त होने के निकट दिया गया था, जबकि 18 से 23 अक्टूबर तक दीपावली अवकाश था. इसलिए उन्होंने नोटिस का जवाब व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा. इस कारण भी मामला चर्चा में आया और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
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शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया
राज्य शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि ई-शिक्षक ऐप लागू होने के बाद कई शिक्षकों के खातों से धोखाधड़ी और रकम गायब होने की शिकायतें मिली हैं. संघ ने शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखा, जिसमें लिखा गया कि ऐप पूरी तरह सुरक्षित होना चाहिए और इससे किसी शिक्षक को आर्थिक नुकसान न हो.
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा- जांच होगी
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कहा कि शिक्षिका की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि शासन ने सभी शिक्षकों को टैब उपलब्ध कराया है, जिससे ई-अटेंडेंस दर्ज की जा सकती है. उन्होंने चेतावनी दी कि मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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