
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िले की सिहोरा तहसील के बेला और बिनैका गांवों में सोना मिलने की संभावना को लेकर सोशल मीडिया और न्यूज़ पोर्टलों पर चर्चाएं तेज हैं. सोने की ईंटों और खदानों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लेकिन इनकी सच्चाई को लेकर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं.
एनडीटीवी की जांच में पता चला कि इन गांवों में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीम ने कुछ स्थानों से सैंपल एकत्र किए हैं, लेकिन यह प्रक्रिया अभी बहुत प्रारंभिक चरण में है.
GSI के महानिदेशक आशित साहा ने स्पष्ट किया कि सोना कई जगहों पर पाया जाता है, लेकिन किसी क्षेत्र में खनन योग्य भंडार की पुष्टि एक लंबी और वैज्ञानिक प्रक्रिया के बाद ही संभव है. उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि यहां बड़े पैमाने पर सोना मौजूद है. पहले सैंपल की लैब जांच होगी, फिर उसके आधार पर ही आगे की खुदाई या सर्वे की दिशा तय होगी.
सर्वेक्षण प्रक्रिया के तहत संभावित क्षेत्रों से मिट्टी और पत्थरों के नमूने इकट्ठा किए जाते हैं, जिनकी रासायनिक और खनिजीय जांच की जाती है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह निर्णय लिया जाता है कि वहां वाणिज्यिक खनन संभव है या नहीं. जिला प्रशासन ने भी अभी तक किसी तरह के सोने के भंडार मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
गांव वालों का कहना है कि अलग-अलग स्थानों से टीम ने नमूने लिए हैं, जिससे क्षेत्र में चर्चा का माहौल बन गया है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि खनन योग्य सोने की मौजूदगी की पुष्टि में कई महीने, कभी-कभी सालों भी लग सकते हैं. फिलहाल प्रशासन और GSI ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है.
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