मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को चूहों ने काटा, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, ठेका कंपनी पर जुर्माना

MP News: मेडिकल कॉलेज में पेस्ट कंट्रोल पर हर साल करीब 5 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद चूहों द्वारा मरीजों को काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों और अटेंडर को चूहों द्वारा काटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हाल ही में मनोरोग विभाग के वार्ड में भर्ती सिहोरा निवासी 25 वर्षीय युवती, श्रीधाम निवासी 50 वर्षीय महिला और उसका बेटा चूहों के हमले का शिकार हुए थे.

युवती को 9 सितंबर की रात को पैर में काटा गया, उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. वहीं, महिला की एड़ी और अगले दिन उसके बेटे के पैरों पर भी चूहों ने हमला कर दिया.

शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं 

परिजनों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने कोई ठोस इंतजाम नहीं किए. मामला मीडिया में आने के बाद मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भी स्वतः संज्ञान लिया. आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन की एकल पीठ ने प्रथम दृष्टया इसे मानवाधिकार हनन का मामला मानते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन से जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन मांगा है.

इधर, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए पेस्ट कंट्रोल करने वाली ठेका कंपनी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और कंपनी के सुपरवाइजर से जवाब-तलब किया है. साथ ही अस्पताल अधीक्षक ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी.

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गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में पेस्ट कंट्रोल पर हर साल करीब 5 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद चूहों द्वारा मरीजों को काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दशकों पुराने भवनों में चूहों का स्थायी रहवास, मरीजों के परिजनों द्वारा वार्डों में भोजन ले जाना, परिसर में जगह-जगह खाना बनाना और वॉर्डों के पीछे मौजूद गंदगी इसकी मुख्य वजह है.

कलेक्टर ने कार्रवाई के दिए निर्देश 

कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने भी घटना के बाद मनोरोग विभाग का निरीक्षण किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि चूहों के प्रवेश मार्गों पर विशेष ध्यान देकर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की कोशिश की जाएगी.

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