MP में दबंगई! 24 घंटे तक रुका रहा बुजुर्ग का अंतिम संस्कार, अब प्रशासन के दखल के बाद हटा श्मशान भूमि से अवैध कब्जा

Jabalpur News: 25 मार्च को चपोद गांव के शिव कुमार अहिरवार की मृत्यु हो गई थी. शिवकुमार की मृत्यु का समाचार सुनकर पूरा गांव और रिश्तेदार एकत्रित हुए और गांव के बाहर बने मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. जब परिवार और रिश्तेदार मृतक के शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंचे तो गांव के कुछ दबंगों ने वहां अंतिम संस्कार करने से रोक दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
चपोद गांव में श्मशान भूमि से अवैध कब्जा हटाया गया.

Madhya Pradesh News: जबलपुर के चपोद गांव में वर्षों से अंतिम संस्कार के लिए उपयोग हो रही सरकारी भूमि पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया था, जिससे दलित समाज के लोगों को अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करने में कठिनाई हो रही थी. 25 मार्च को 70 वर्षीय शिवप्रसाद अहिरवार के निधन के बाद, जब परिजन और ग्रामीण उनकी अंत्येष्टि करने पहुंचे, तो गांव के पटेल परिवार ने उन्हें रोक दिया, यह कहते हुए कि इससे उनकी फसल जल सकती है. इस विरोध के चलते उस दिन अंतिम संस्कार नहीं हो सका.

पटेल परिवार ने अंतिम संस्कार करने से रोका

26 मार्च को जब परिजन दोबारा शव लेकर पहुंचे, तो पटेल परिवार ने फिर से अंतिम संस्कार करने से रोका और किसी अन्य स्थान पर ले जाने के लिए कहा. इस पर अहिरवार समाज के लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि यह भूमि वर्षों से अंतिम संस्कार के लिए उपयोग की जाती रही है, तो अब इसे रोका नहीं जा सकता.

प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार संपन्न 

इस विवाद की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया. तहसीलदार दिलीप हनवत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और विवाद को शांत कराते हुए प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार संपन्न कराया. साथ ही कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.

ग्रामीणों ने पटेल परिवार पर लगाया गंभीर आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि पटेल परिवार पहले भी दलित समाज के अंतिम संस्कार में बाधा डाल चुका है और इस भूमि पर खेती कर रहा था. इसको लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. तहसीलदार ने बताया कि पटेल परिवार को पहले भी नोटिस जारी किया गया था और जुर्माना लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने फिर से कब्जा कर लिया.

Advertisement

कलेक्टर ने मुक्तिधाम बनाने के दिए निर्देश

अब कलेक्टर ने इस भूमि को स्थायी रूप से मुक्त कराने और यहां एक नया मुक्तिधाम बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं. प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि गांव में जल्द ही अंतिम संस्कार के लिए एक उचित स्थान विकसित किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को असुविधा का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़े: Eid 2025: 31 मार्च या 1 अप्रैल... भारत में कब है ईद, इस दिन होगा चांद का दीदार, जानें क्यों है ईद पर फितरा जरूरी?

Advertisement
Topics mentioned in this article