ATS ने 22 अगस्त को सीपीआई माओवादी गुट से संबंधित अशोक रेड्डी और उसकी पत्नी रैमती को जबलपुर के गोहलपुर स्थित एक निजी अस्पताल से इलाज के दौरान गिरफ्तार किया था. अशोक रेड्डी से गहन पूछताछ में अपने साथी धान सिंह के नाम का खुलासा किया था, जिसके बाद 26 अगस्त को उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि अब ATS की विशेष कोर्ट ने तीनों की रिमांड खत्म कर जेल भेज दिया है.
अशोक रेड्डी पर 82 लाख रुपए का था इनाम
बता दें कि सीपीआई माओवादी गुट से संबंधित अशोक रेड्डी पर विभिन्न राज्यों ने 82 लाख रुपए के इनाम घोषित किए गए थे. अशोक रेड्डी पर देश विरोधी गतिविधियों, हत्या, हत्या के प्रयास और लूट के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं. वहीं उसकी पत्नी रैमती पर छत्तीसगढ़ में नक्सली विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने का आरोप है. अशोक का साथी धान सिंह अपने कमांडर अशोक रेड्डी और नक्सली गतिविधियों में लिप्त अन्य सदस्यों के लिए पैसा और छिपने के लिए सुरक्षित स्थान का इंतजाम करता था.
तीनों को ATS ने हिरासत में लेने के बाद रिमांड पर लिया और कड़ी पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में अशोक रेड्डी ने कई गहरे राज उगले हैं. इन जानकारियों के आधार पर भविष्य में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
कहां से आता है पैसा इसकी जांच में जुटी एटीएस
एटीएस मुख्य रूप से यह जानने की कोशिश कर रही है कि देश विरोधी गतिविधियों के लिए फंड कहां से आते हैं. सूत्रों के मुताबिक एटीएस जानकारी मिली है कि नक्सली वारदातों के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश से बड़ी मात्रा में पैसा इकट्ठा किया जाता है. पूछताछ में ये भी पता चला है कि नक्सली जंगल में उगने वाली महंगी वन उपज और सागौन की लकड़ी से भी पैसा बनाते हैं.
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रिमांड खत्म होने के बाद तीनों आरोपियों को भेजा गया जेल
रिमांड खत्म हो जाने के बाद ATS की विशेष कोर्ट में इन तीनों आरोपियों को पेश किया गया था. हालांकि कोर्ट ने आगे की रिमांड नहीं दी और फिलहाल तीनों को केंद्रीय कारागार भेज दिया. ATS के सूत्र के मुताबिक, पूछताछ में जो जानकारी मिली है वह एक बहुत बड़े मॉड्यूल को ध्वस्त करने में काम आएगी.
विशेष सुरक्षा में रखे गए तीनों आरोपी
केंद्रीय कारागार में इन तीनों आरोपियों को जेल की अलग-अलग सेल में रखा गया है ताकि ये आपस में मिलकर षड्यंत्र ना रच सकें. साथ ही जेल में इनकी सुरक्षा को लेकर भी विशेष ख्याल रखा गया है.
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