म्यूजियम डे 2024: यहां थी भगत सिंह की पिस्तौल... BSF ने MP के संग्रहालय में संजोए हैं 300 दुर्लभ हथियार

International museum day 2024: इस संग्रहालय में खासकर 14वीं सदी के हथियारों से लेकर बाद की पीढ़ियों के हथियारों को प्रदर्शित किया गया है. इस संग्रहालय के जरिये आपको पता चलता है कि शुरुआत में मानव जाति किन हथियारों का इस्तेमाल करती थी और पहला व दूसरा विश्व युद्ध आते-आते हथियारों का किस तरह क्रमिक विकास होता चला गया.'

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

International museum day 2024: क्या आपने कभी ऐसी बंदूक देखी है जो बाहर से तो किसी आम छड़ी की तरह नजर आती हो, लेकिन घोड़ा दबते ही इससे निकली गोली निशाने पर लगने के बाद दुश्मन का काम तमाम करने में सक्षम हो. ऐसी तीन ‘‘स्टिक गन'' इंदौर में सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) यानी बीएसएफ (BSF) के केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (Central School Of Weapons & Tactics) या सीएसडब्ल्यूटी (CSWT Indore) के शस्त्र संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही हैं.

International museum day: BSF म्यूजियम इंदौर

क्या-क्या है यहां?

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के पहले महानिदेशक (First Director General of BSF) केएफ रुस्तमजी (KF Rustamji) की सोच से 1967 में स्थापित इस संग्रहालय में 300 दुर्लभ हथियार संजोए गए हैं. इनमें बंदूक, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफल, सब मशीन गन, लाइट मशीन गन (LMG), मीडियम मशीन गन (MMG), रॉकेट लॉन्चर, मोर्टार और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.

Advertisement

International museum day: BSF म्यूजियम इंदौर

उन्होंने बताया कि अलग-अलग स्रोतों से जुटाए गए इस नायाब संग्रह में बड़े हथियारों के साथ ही ऐसी ‘‘मिनी पिस्तौल'' भी हैं जो हथेली में समा जाती हैं.

सीएसडब्ल्यूटी के महानिरीक्षक बीएस रावत ने ‘‘पीटीआई-भाषा'' को बताया कि इस संग्रहालय में खासकर 14वीं सदी के हथियारों से लेकर बाद की पीढ़ियों के हथियारों को प्रदर्शित किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इस संग्रहालय के जरिये आपको पता चलता है कि शुरुआत में मानव जाति किन हथियारों का इस्तेमाल करती थी और पहला व दूसरा विश्व युद्ध आते-आते हथियारों का किस तरह क्रमिक विकास होता चला गया.''

Advertisement

कभी यहां थी भगत सिंह की पिस्तौल

रावत ने बताया कि बीएसएफ के इस संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीद भगत सिंह की वह पिस्तौल भी थी जिसका इस्तेमाल उन्होंने लाहौर में 17 दिसंबर 1928 को ब्रितानी पुलिस अफसर जेपी सॉन्डर्स को जान से मारने में किया था.

Advertisement
उन्होंने बताया कि अमेरिकी हथियार निर्माता कम्पनी कोल्ट्स की बनाई इस सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक 2017 में पंजाब भेज दिया गया था और फिलहाल यह हथियार फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला के एक संग्रहालय में प्रदर्शित है.

रावत ने बताया कि भगत सिंह की शहादत के सम्मान में उनकी इस ऐतिहासिक पिस्तौल की तस्वीर इंदौर में बीएसएफ के शस्त्र संग्रहालय में लगाई गई है. उन्होंने यह भी बताया कि सीएसडब्ल्यूटी में प्रशिक्षण के लिए आने वाले कर्मियों को संग्रहालय के इन हथियारों से परिचित कराया जाता है ताकि उन्हें पता चल सके कि पुरानी पीढ़ी के देशी-विदेशी हथियारों में कौन-सी कमियां थीं और इन्हें कैसे दूर किया गया.

यह भी पढ़ें : फीफा वर्ल्ड कप: जर्मनी, बेल्जियम जैसे देशों को पछाड़कर फीफा महिला विश्व कप 2027 का मेजबान बना ब्राजील

यह भी पढ़ें : Ration Scam: देख रहा है... मुर्दे ले रहे हैं राशन, पंचायत भवन में है सरपंच और सचिव जी का कब्जा

यह भी पढ़ें : राजमाता की राजशाही विदाई, पंचतत्व में विलीन हुईं माधवी राजे, बेटे ज्योतिरादित्य ने दी मुखाग्नि, देखिए तस्वीरें

यह भी पढ़ें : MP High Court: फिर बनेगी मेरिट लिस्ट... MPPSC प्री एग्जाम के दो सवालों पर HC की आपत्ति, जानिए क्या थे प्रश्न