MP Indore News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी इंदौर में ट्रैफिक जाम की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है. इसे सुधारने के लिए करोड़ों की लागत से स्मार्ट पार्किंग बनाई गई थी. प्रशासन ने शहर के अलग-अलग इलाकों में इन पार्किंग को शुरू किया लेकिन अब इनमें से गिनती की 1-2 ही काम कर रही हैं. बाकी पार्किंग धूल खा रही हैं और जनता को इनका कोई फायदा नहीं हो रहा. लोग आज भी अपनी गाड़ियां सड़कों पर खड़ी कर देते हैं जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ जाती है. शहर के व्यस्त इलाकों में कार, स्कूटी और ऑटो सड़क किनारे खड़ी रहती हैं. वहीं, इन स्मार्ट पार्किंग के पास के कंट्रोल सेंटर ऑफिस अब कबाड़ के ढेर में बदल गए हैं.
देखरेख करने वाले कर्मचारी नदारद
स्मार्ट पार्किंग के कंट्रोल सेंटर में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं रहता. आसपास के लोगों का कहना है कि ये पार्किंग कभी चालू ही नहीं हुईं. कुछ लोगों ने तो इन ऑफिसों को अपना ठिकाना बना लिया है. यहां रखरखाव का कोई इंतजाम नहीं है.
गाड़ियों की पार्किंग का बुरा हाल
स्मार्ट पार्किंग के आसपास खड़ी गाड़ियों की न तो कोई रसीद काटी जाती है... न ही उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाती है. लोगों का कहना है कि इन पार्किंग का कोई फायदा नहीं हो रहा. जनता अब सरकार और प्रशासन से सवाल कर रही है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी पार्किंग व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हो पाया. जरूरत है कि इन स्मार्ट पार्किंग को जल्द से जल्द चालू किया जाए और ट्रैफिक की समस्या का स्थायी हल निकाला जाए.
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गिनती के पार्किंग चालू, बाकी खा रहे धूल
स्मार्ट पार्किंग को शुरू करने का मकसद ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करना था लेकिन स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है. करोड़ों की लागत से बने ये पार्किंग सिस्टम अब धूल खा रहे हैं और ट्रैफिक की समस्या का हल दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा.
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