Madhya Pradesh News: बरसात का सीजन शुरू हुआ और लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली, लेकिन इसके साथ एक आफत और सामने आ गई. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले (Satna) में फुटकर सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे. सब्जियों के दाम में मंहगाई का तड़का लगने को लेकर सभी व्यापारियों की अलग-अलग दलील दे रहे हैं. फुटकर व्यापारी थोक में भाव बढ़े होने और लोकल सब्जियों में मौसम के असर को जिम्मेदार मानते हैं.
जबकि थोक व्यापारी उत्पादन कम होने का हवाला दे रहे हैं. उनका कहना है लहसुन, टमाटर, धनिया बाहर से आ रही है, ऐसे में दामों में बढ़ोतरी हुई है. कुछ भी हो आम आदमी की परेशानी तो बढ़ ही गई. इंदौर में भी सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है यहां भी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.
थोक व्यापारी तय कर रहे हैं दाम
लोगों का कहना है कि कुछ सब्जियों के उत्पादन लोकल स्तर पर नहीं हो पा रहे है. उदाहरण के तौर पर टमाटर बेंगलुरु से सतना पहुंच रहा है. सतना के थोक व्यापारियों के द्वारा टमाटर के रेट निर्धारित किए जा रहे हैं फुटकर विक्रेताओं को जिस रेट पर थोक से मिलता है उससे 2 से 5 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी करके ग्राहकों को बेचते हैं. जिसका सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है.
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की हालत भी खराब
ऐसा नहीं है कि केवल मध्य प्रदेश में ही ऐसा हो रहा है पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की हालत भी ऐसी ही नजर आ रही है. यहां भी बरसात के बाद सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं.
यहां भिंडी पहले 20 से 30 रुपए किलो बिक रही थी जो अब 50 रुपए किलो हो गई है. वहीं बैगन अब 40 रुपए किलो बिक रहा है जो पहले 30 रुपए किलो बिकता था. वहीं 20 रुपए किलो बिकने वाली लौकी अब 30 से 40 रुपए किलो बिक रही है. करेला भी नीम चढ़ा हो गया हो जो 40 रुपए से सीधे 80 रुपए किलो बिक रहा है.