चौथे चरण में इंदौर में सबसे कम तो खरगोन में सबसे ज्यादा वोटिंग, जानिए बाकी सीटों का हाल

मध्यप्रदेश में चौथे चरण की वोटिंग के साथ ही सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान समाप्त हो गया. राज्य में शाम 6 बजे तक 71.72 % वोटिंग हुई जबकि पिछली बार यानी साल 2019 में यहां 75.7% वोटिंग हुई थी. राज्य में सबसे ज्यादा वोटिंग खरगोन लोकसभा सीट में 75.79 % और सबसे कम वोटिंग इंदौर लोकसभा सीट में 60.53 % हुई.

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Lok Sabha Election 2024: राज्य में शाम 6 बजे तक  71.72 % वोटिंग हुई

Lok Sabha Elections 2024: मध्यप्रदेश में चौथे चरण (Fourth Phase Voting) की वोटिंग के साथ ही सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान समाप्त हो गया. राज्य में 72.05 % वोटिंग हुई जबकि पिछली बार यानी साल 2019 में यहां 75.7% वोटिंग हुई थी. राज्य में सबसे ज्यादा वोटिंग खरगोन लोकसभा सीट (Khargone Lok Sabha seat) में 76.03 % और सबसे कम वोटिंग इंदौर लोकसभा सीट(Indore Lok Sabha Seat) में 61.67% हुई. जबकि उसी से सटे उज्जैन, देवास और खरगोन में ठीक-ठाक वोटिंग हुई. आठ में से कुल 7 लोकसभा सीटों पर 70 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. हालांकि इन सबके बावजूद मध्यप्रदेश की जनता पिछले लोकसभा चुनाव में वोटिंग का अपना ही रिकॉर्ड नहीं तोड़ सकी. पिछले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में चौथे चरण में 75.7 फीसदी हुई थी जबकि इस बार 72.05% वोटिंग हुई.

एमपी की 8 लोकसभा सीट पर 72.05% वोटिंग, ये रहा सभी सीटों का हाल

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए नये आंकड़े के अनुसार इंदौर छोड़ सभी लोकसभाओं में 70 प्रतिशत के ऊपर हुई वोटिंग हुई है.

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- देवास में 75.48 %
- धार में 72.76%
- इंदौर में 61.67%
- खंडवा में 71.52%
- खरगौन में 76.03%
- मंदसौर में 75.27%
- रतलाम में 72.94%
- उज्जैन में 73.82 %

वोटिंग के दिन देर रात तक ऐसे थे आंकड़े

इंदौर में सबसे कम वोटिंग क्यों?

प्रदेश में सबसे कम वोटिंग इंदौर में हुई. इंदौर में पिछली बार 69.31 फीसदी वोटिंग हुई थी पर इस बार वोटिंग 61.67% हुई. जानकार इसकी सबसे बड़ी वजह चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का ना होना बता रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि इसकी वजह से न तो कांग्रेस कार्यकर्ता और न ही कांग्रेस समर्थक वोटर ही वोट डालने के लिए निकले. हालांकि मौसम भी कम वोटिंग की एक बड़ी वजह बताई जा रही है. इंदौर में सुबह मौसम सुहाना था लेकिन दिन चढ़ते ही धूप की वजह से लोग घरों से कम निकले. शाम के वक्त मौसम ने फिर से करवट बदली और बारिश के साथ-साथ ओले भी गिरे. 

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तीन चरणों में 5 फीसदी कम हुई वोटिंग 

इससे पहले चुनाव आयोग (election Commission)के ही आंकड़ों के मुताबिक तीन चरणों में 64.76 फीसदी मतदान हुआ जो साल 2019 में 69.74 फीसदी था. इस लिहाज से देखें तो मध्यप्रदेश में तीन चरणों में कुल 5 फीसदी कम वोटिंग हुई. साल 2024 के तीन चरणों पर निगाह डालें तो पहले चरण में 67.75 फीसदी, दूसरे चरण में 58.59 फीसदी और तीसरे चरण में 66.75 फीसदी वोटिंग हुई है. साल 2019 में मध्य प्रदेश में चार चरणों में कुल मतदान 71.16 फीसदी था. इस बार तीन चरणों का औसत 64.76 फीसदी ही पहुंचा है. इस हिसाब से प्रदेश में पिछले चुनाव की औसत वोटिंग के करीब पहुंचना पहले से ही बड़ी चुनौती दिख रही थी. 

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आदिवासी मतदाओं ने की बंपर वोटिंग

वैसे चौथे चरण में बाकी तीन के मुकाबले ज्यादा वोटिंग हुई है. इसकी एक बड़ी वजह आदिवासी मतदाताओं की ज्यादा संख्या होना भी बताया जा रहा है. दरअसल परंपरागत तौर पर देखा जाता है कि आदिवासी मतदाता उत्साह के साथ वोटिंग करते हैं. चौथे चरण में खंडवा, खरगोन, मंदसौर, धार, देवास और रतलाम में आदिवासी मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. 
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