Loan Fraud News: इंदौर क्राइम ब्रांच की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम की चांज में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने अपने नाम से मिलते-जुलते नाम वाले डॉक्टर को ढूंढा और उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लिया था, बजाज फाइनेंस लिमिटेड इंदौर के कर्मचारी की शिकायत के बाद अब क्राइम ब्रांच ने गैंग का भंडाफोड़ करने के साथ ही तो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इंदौर क्राइम ब्रांच की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम ने फर्जी डॉक्टर बनकर बजाज फाइनेंस लिमिटेड से 54 लाख रुपये का लोन हासिल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. टीम ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी अब भी फरार है. लंबे समय से फरारी काट रहा आरोपी प्रदीप निरंजन को झांसी जिले से गिरफ्तार किया गया, जबकि एक और आरोपी को इंदौर से पकड़ा गया.
फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने की थी शिकायत
दरअसल, बजाज फाइनेंस लिमिटेड इंदौर के कर्मचारी आकाश गौतम ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि तीन व्यक्ति हरीओम बंसल, भूपेंद्र सिंह और प्रदीप निरंजन ने असली डॉक्टरों की पहचान का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और डॉक्टरों को मिलने वाले विशेष श्रेणी के लोन का लाभ उठाकर धोखाधड़ी की.
आरोपियों ने ऐसे की धोखाधड़ी
शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच ने तुरंत एफआईआर दर्ज करने के साथ ही जांच शुरू कर दी. जांच से खुलासा हुआ कि आरोपियों ने अपने नाम से मिलते जुलते नाम वाले डॉक्टरों को खोजकर उनके नाम से कागजात बनाए और फर्जी प्रोफाइल तैयार कर लोन ले लिया. जिसमें क्राइम ब्रांच की सतत तकनीकी निगरानी और प्रयासों के बाद टीम ने मुख्य आरोपी प्रदीप निरंजन को झांसी से गिरफ्तार किया. पूछताछ में फर्जी दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया और अन्य संभावित साथियों की भूमिका की जानकारी जुटाई जा रही है.
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क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एक आरोपी अब भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है. जांच के दौरान यह संदेह भी सामने आया है कि बजाज फाइनेंस के कुछ कर्मचारियों की इसमें संभावित भूमिका हो सकती है. क्राइम ब्रांच इस पहलू की गहराई से जांच कर रही है और संलिप्तता पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.