Indian Railways: कटनी में बना भारतीय रेल का सबसे लंबा वायाडक्ट अप ग्रेड सेपरेटर, जानें इसकी खासियत

Indian Railways: मध्य प्रदेश के जबलपुर के नजदीक सबसे लंबा वायाडक्ट कटनी में बनाया गया है.ऐसे में कटनी का यह रेल ग्रेड सेपरेटर देश का गौरव बना है. यह सिर्फ़ भारतीय रेल का सबसे लंबा वायाडक्ट (पुल)है , जो आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना साबित हो रहा है.

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The longest viaduct In Katni: भारतीय रेल का बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक प्रोजेक्ट कटनी ग्रेड सेपरेटर की अप लाइन अब पूरी तरह से यातायात के लिए खोल दिया गया है. पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत निर्मित यह परियोजना भारतीय रेल का सबसे लंबा वायाडक्ट है, जो तकनीकी दृष्टि से अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण और अभूतपूर्व निर्माण माना जा रहा है.

10 साल पहले स्वीकृत हुआ था काम

इस परियोजना को रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2015-16 में पिंक बुक आइटम क्रमांक-14 के तहत स्वीकृत किया था. प्रारंभिक प्रस्ताव केवल 21.5 किलोमीटर लंबाई का था, लेकिन बढ़ते यातायात दबाव और भविष्य की ज़रूरतों को देखते हुए इसकी लंबाई बढ़ाकर 33.4 किलोमीटर कर दी गई. संशोधित लागत ₹1247.64 करोड़ को दिसंबर 2018 में मंजूरी दी गई.

इंजीनियरिंग की विशेषताएं

कटनी ग्रेड सेपरेटर न्यू कटनी जंक्शन (NKJ) और कटनी मुड़वारा (KMZ) के बीच मौजूदा लाइनों के समानांतर तैयार किया गया है. यह दो भागों – UP ग्रेड सेपरेटर और DN ग्रेड सेपरेटर – में विभाजित है.

UP ग्रेड सेपरेटर – लंबाई 15.85 किमी, जिसमें 7 किमी लंबा वायाडक्ट, 260 स्पैन, 2.65 किमी रिटेनिंग वॉल और 6.20 किमी अर्थवर्क शामिल है. जो अब चालू हो गया है.

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DN ग्रेड सेपरेटर – लंबाई 17.52 किमी, जिसमें 10.97 किमी वायाडक्ट, 411 स्पैन, 0.72 किमी रिटेनिंग वॉल और 5.9 किमी अर्थवर्क शामिल है.यह 2026 में प्रारंभ हो जाएगा.

पूरे प्रोजेक्ट में कुल 671 स्पैन बनाए गए हैं. निर्माण कार्य में लगभग 15,000 मीट्रिक टन स्टील, 1.50 लाख घन मीटर कंक्रीट और 1.90 लाख घन मीटर मिट्टी का इस्तेमाल हुआ है. उल्लेखनीय है कि DN ग्रेड सेपरेटर पर पहली बार भारतीय रेल में ऊंचाई पर बने डेक पर टर्नआउट का डिज़ाइन अपनाया गया है।

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लाभ और असर

इस परियोजना के प्रमुख धर्मेंद्र पांडेय ने एनडीटीवी को बताया कि इस परियोजना के चालू होने के बाद अब मालगाड़ियों को न्यू कटनी जंक्शन और कटनी मुड़वारा जंक्शन में रुकना नहीं पड़ेगा. इससे यार्ड्स में जाम की समस्या समाप्त होगी और गाड़ियों की गति बढ़ेगी. परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) में सुधार होगा, समयबद्धता बढ़ेगी और रेलवे को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा

प्रोजेक्ट प्रमुख का बयान

परियोजना का सफल संचालन संभव हुआ है धर्मेंद्र पांडेय, प्रोजेक्ट प्रमुख, कटनी ग्रेड सेपरेटर के नेतृत्व और उनकी टीम की मेहनत से. उन्होंने कहा कि कटनी ग्रेड सेपरेटर भारतीय रेल के लिए मील का पत्थर है. यह न केवल क्षेत्रीय यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि आने वाले दशकों तक मालगाड़ियों की तेज़ और निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा. इस प्रोजेक्ट ने साबित किया है कि आधुनिक इंजीनियरिंग और दूरदृष्टि का संगम असंभव को संभव बना सकता है कटनी ग्रेड सेपरेटर अब भारतीय रेल के गौरव का प्रतीक है. यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया ऐसा समाधान है, जो कटनी को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाता है. यातायात की सुगमता, परिचालन की दक्षता और रेलवे की आधुनिक छवि इन तीनों में यह परियोजना एक ऐतिहासिक योगदान के रूप में दर्ज हो चुकी है.

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