MP में ठगों ने मंत्री को भी नहीं छोड़ा, फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर परिचितों से मांगे पैसे, ये किया मैसेज

MP News: मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के नाम का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर परिचितों से पैसे मांगे जा रहे हैं. मंत्री राकेश सिंह को मामले की सूचना लगते ही साइबर सेल को जानकारी दी गई है.

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Cyber Crime in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है. आलम तो ये है कि अब इसके शिकंजे में प्रदेश के वीवीआईपी भी आ रहे हैं. एक ऐसा ही मामला बुधवार को जबलपुर (Jabalpur) से सामने आया. जहां प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री और जबलपुर पश्चिम से विधायक राकेश सिंह (PWD Minister Rakesh Singh) के नाम का फेक फेसबुक अकाउंट बनाया गया. इस फेक अकाउंट के जरिए मंत्री राकेश सिंह के परिचितों से पैसे मांगे गए. हालांकि, परिचित को जैसे ही इस बात का शक हुआ कि राकेश सिंह पैसे नहीं मांग सकते हैं, उन्होंने इस मामले को जानकारी पीडब्ल्यूडी मंत्री को दी. जिसके बाद इसकी सूचना साइबर सेल को दी गई.

मंत्री राकेश सिंह का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने वाले साइबर अपराधी ने ओरिजिनल फेसबुक अकाउंट की तरह की प्रोफाइल फोटो लगा रखी थी. जिसके चलते राकेश सिंह के परिचितों को यह समझने में परेशानी हुई कि यह कोई फर्जी अकाउंट है. हालांकि, पैसे के लेनदेन के मामले में शक होने पर उन्होंने फौरन मामले की सूचना दी.

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सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं राकेश सिंह

हमेशा सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले राकेश सिंह की फैन फॉलोइंग बहुत बड़ी है. उनके फेसबुक अकाउंट में 4,55,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. राकेश सिंह का निजी जीवन में भी लोगों से सीधा संपर्क बना रहता है. राकेश सिंह चार बार के सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक भी रहे हैं, इसलिए जब मैसेंजर पर राकेश सिंह का मैसेज किसी परिचित के पास पहुंचा तो उसने खुशी-खुशी जवाब देने शुरू कर दिया. अज्ञात साइबर क्रिमिनल ने राकेश सिंह के नाम से मैसेज किया. साइबर क्रिमिनल ने मंत्री राकेश सिंह के फेसबुक अकाउंट की तरह ही फर्जी अकाउंट में वही फोटो भी इस्तेमाल किया जो असली अकाउंट में लगी है. 

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जालसाज ने मंत्री के परिचित को ये किया मैसेज

मंत्री राकेश सिंह के फर्जी फेसबुक अकाउंट से कई लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं. जालसाज ने राकेश सिंह के परिचित से जिस तरीके से बात की, उसके कुछ मैसेज इस प्रकार हैं...

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जालसाज - हेलो, कैसे हो?

परिचित - अच्छा हूं भैया, आपका आशीर्वाद है.

जालसाज - कहां पर हो? 

परिचित - एजेंसी में भैया, महेन्द्रा ट्रेक्टर वाली. 

जालसाज - एक काम था आपसे. 

परिचित - जी भैया. 

जालसाज - कुछ पैसे ट्रांसफर कर दो, अर्जेंट है.

जैसे ही पैसे ट्रांसफर करने का यह मैसेज मंत्री राकेश सिंह के परिचित को मिला, वह समझ गया कि यह कोई फर्जी अकाउंट है. क्योंकि वह राकेश सिंह को बहुत अच्छे से जानता है कि वे इस तरह से किसी से भी पैसे नहीं मांग सकते हैं और ना ही उन्हें पैसे की इस तरह की कोई आवश्यकता हो सकती है.

मंत्री राकेश सिंह के फेक अकाउंट से ये मैसेज किया गया.

फर्जी अकाउंट बनने पर क्या बोले मंत्री?

वहीं जब हमने इस मामले में मंत्री राकेश सिंह के बात की तो उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि डुप्लीकेट अकाउंट की जब उन्हें जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी सूचना साइबर सेल को दे दी है. अपने सभी मित्रों परिचितों को सावधान कर दिया है ताकि कोई साइबर अपराधियों के जाल में ना फंस सके. फर्जी फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है. बता दें कि राकेश सिंह ने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से अपने मित्रों और परिचितों को भी सूचना दी कि उनका फर्जी अकाउंट बनाया गया है और कोई फर्जी अकाउंट बनाकर उनके नाम से पैसे मांग रहा है, जिसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है.

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले

आजकल साइबर क्रिमिनल वीवीआईपी लोगों के फेसबुक अकाउंट के मिलते-जुलते नकली अकाउंट बनाकर पैसे मांगते हैं. हालांकि, लोग अब यह जानने लगे हैं कि इस तरह से पैसे मांगना साइबर फ्रॉड करने वालों की साजिश होती है, लेकिन उसके बाद भी कुछ भोले-भाले लोग इस जाल में फंस जाते हैं और पैसे दे देते हैं. इसलिए कभी भी कोई सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पैसे मांगता है तो मदद करने के पहले फोन पर उससे बात अवश्य करना चाहिए.

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