NDTV खबर का असर : फर्जी मौत का चल रहा था खेल, पंचायत से निकाले पैसे, अब दोषियों के खिलाफ FIR

Gwalior News : जांच के दौरान पता चला कि ये दोनों आरोपी मिलकर चार लोगों के डेथ प्रमाणपत्र बनाकर इनके आवेदन भेज चुके हैं, इसके अलावा जांच के दौरान एक नया मामला भी उजागर हुआ है.

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Madhya Pradesh News : ग्वालियर (Gwalior) में अपात्र लोगों के नाम पर उनकी अंत्येष्ठि और मृत्यु के बाद परिवार को मिलने वाली धनराशि को हड़पने का मामला NDTV द्वारा उजागर किया गया था. उसके बाद प्रशासन (Administration) भी इस मामले को लेकर सक्रिय हुआ. वहीं अब जिला पंचायत के सीईओ (CEO Jila Panchayat) की शिकायत पर इस कांड के आरोपी उप सरपंच पति और पंचायत के सहायक सचिव के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई गई है.

पहले जानते हैं आखिर मामला क्या है?

मध्य प्रदेश सरकार की योजना (Madhya Pradesh Government Scheme) के अनुसार जो लोग मध्यप्रदेश में बीपीएल (BPL Class) में आते हैं या गरीबी में रहते हैं, उनकी मौत होने पर परिजनों को उनकी अंत्येष्ठि के लिए 5 हजार रुपये मिलते हैं, जबकि संबल योजना (Sambal Scheme) के तहत परिजनों को एक मुश्त दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी प्रदान की जाती है, इस राशि को प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ संबंधित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) लगाना पड़ता है.

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ग्वालियर जिले की भितरवार जनपद पंचायत इलाके की किठौन्दा ग्राम पंचायत के कारिंदों ने इस राशि को हड़पने के लिए जिंदा लोगों को ही मृत घोषित करके उनके डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिए गए.

फर्जी मौत के बाद चार लोगों के नाम पर पैसे जारी करने का आवेदन बनाया

प्राप्त जानकारी के अनुसार घोटाले (Scam) का यह नया तरीका किठौन्दा ग्राम पंचायत के सहायक सचिव भीखम जाटव और उप सरपंच के पति पंचम वर्मा ने ढूंढा था. इन लोगों ने गुपचुप तरीके से ऐसे प्रमाणपत्र बना लिए और इनकी राशि पाने के लिए कार्यवाही भी शुरू कर दी. वहीं जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी लग गई  तब भी उन्होंने खामोशी बनाए रखी. हालांकि इस मामले की चर्चा जब जनपद पंचायत के अफसरों तक पहुंची तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की.

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जांच के दौरान पता चला कि ये दोनों आरोपी मिलकर चार लोगों के डेथ प्रमाणपत्र बनाकर इनके आवेदन भेज चुके हैं, इसके अलावा जांच के दौरान एक नया मामला भी उजागर हुआ है. पता चला कि गांव के ख्याली राम जाटव के नाम का भी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर, अनुग्रह राशि और अंत्येष्ठि राशि का प्रकरण पेश किया गया है. अधिकारियों को लगता है कि इस संबंध में कुछ और मामले उजागर हो सकते हैं.

खुदकुशी करने की धमकी देते हैं आरोपी

जांच के दौरान जब जांच टीम ने उन जीवित लोगों के बयान दर्ज किए, जिनके नाम से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं तो बड़ी ही चौकाने वाली बात सामने आई. जब उनसे पूछा कि उन्होंने इस बात की शिकायत क्यों नहीं की? तो उन्होंने बताया कि घपला करने वाला ग्राम पंचायत का सहायक सचिव भीखम जाटव धमकी देता था कि अगर किसी ने भी आरटीआई (RTI) लगाई या शिकायत की तो वह आत्महत्या कर लेगा और सबको फंसाने के लिए नाम लिखकर जाऊंगा. इस डर से किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की थी.

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आपराधिक प्रकरण दर्ज

पंचायत विभाग पहले इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन पिछले दिनों NDTV इस मामले पर व्यापक खबर दिखाई थी. इसके बाद इस केस में पुलिस भी सक्रिय हुई. एडिशनल एसपी (Additional SP) निरंजन शर्मा ने बताया कि ग्वालियर के ग्राम पंचायत किठौंदा में जिंदा लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के मामले में जिला पंचायत सीईओ की जांच में वह लोग जिंदा मिले हैं, जिनके मृत्यु प्रमाण पत्र सहायक सचिव भीकम जाटव और उपसरपंच पति पंचम वर्मा ने जारी किए थे. आरोपियों ने मिलकर सरकारी राशि हड़पने के लिए पांच लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनावकर राशि हड़पने का प्रयास किया था. जिला पंचायत सीईओ की शिकायत पर अब पुलिस ने आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है. आरोपियों के खिलाफ भितरवार थाने में मामला दर्ज कराया गया है और जांच की जा रही है.

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