मैहर में थाने के सामने हो रही थी अवैध वसूली, थाना प्रभारी निलंबित, अन्य अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज

MP News: रीवा आईजी ने अवैध वसूली के मामले में मैहर के नादान देहात थाना के प्रभारी अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही आगे की जांच जारी है. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है.

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थाने के सामने ही रेडियम रिफ्लेक्टर लगाने वाली फर्म अवैध वसूली कर रही थी.

Maihar News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मैहर (Maihar) में थाना के सामने अवैध वसूली मामले में थाना प्रभारी पर गाज गिरी है. रीवा रेंज के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार (Rewa IG) ने नादान देहात थाना के प्रभारी अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा अभी मामले की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक (Maihar SP) के आदेश को गंभीरता से नहीं लेने और थाना के सामने जिगजैग प्वॉइंट लगाकर अवैध वसूली करने के मामले में हुई है.

थाना प्रभारी की शह पर की वसूली

दरअसल, मैहर पुलिस अधीक्षक ने बीते 2 जुलाई को सभी वाहनों में रेडियम रिफ्लेक्टर और ब्लैक पट्टी लगाने के आदेश दिए थे. इस काम के लिए एक फर्म को हायर किया गया था, जिसका कर्ताधर्ता ग्वालियर के धीरेंद्र सिंह राजावत नाम का व्यक्ति है. इस फर्म ने थाने के सामने जिगजैग पॉइंट लगाकर वाहनों से लाखों की अवैध वसूली की. वहीं नादान देहात थाना प्रभारी पर इस अवैध वसूली को खुली छूट देने के आरोप लगे हैं.

रीवा आईजी ने किया निलंबित

वहीं अवैध वसूली की बात सामने आते ही मैहर पुलिस अधीक्षक ने 18 जुलाई को अपना आदेश निरस्त कर दिया. जब इस मामले को लेकर सवाल उठे तो रीवा आईजी ने मामले की जांच के आदेश दिए. रीवा आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नादान देहात थाना के प्रभारी अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. फिलहाल, रीवा डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. उनकी जांच रिपोर्ट के बाद कुछ और पुलिसकर्मियों और अफसरों पर गाज गिर सकती है. 

अमदरा थाने में भी हुई थी उगाही

एक तरफ नादान देहात थाना प्रभारी को थाने के सामने अवैध वसूली को संरक्षण देने के मामले में निलंबित कर दिया गया है. वहीं अमदरा थाना को इस मामले में छूट दी गई है. पुलिस विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सबसे पहले राजावत ने मैहर थाने में संपर्क किया था, मगर यहां से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिलने पर उसने अमदरा थाना का रुख किया. कई दिनों तक वसूली करने के बाद जब विवाद बढ़ने लगा तो अमदरा थाना प्रभारी ने उसका साथ छोड़ दिया था. इसके बाद राजावत ने नादान पुलिस के सहयोग से उगाही को अंजाम दिया. अब यहां सवाल उठता है कि क्या अमदरा थाना प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी?

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