ये VIP कल्चर है: लाल बत्ती हटी तो हूटर ने ली जगह ! पूछने पर माननीय देते हैं ऐसे जवाब

VIP कल्चर को ख़त्म करने की नेक नीयती से लाल बत्ती और हूटर लगाने पर पूरे देश में पाबंदी लगाई गई थी. जिसके बाद लाल बत्ती तो हट गई मगर अब उसकी जगह ले ली है हूटर ने ले ली. अब तो नियमों को ताक पर रखकर अब मंत्री , सांसद तो क्या विधायक और नेता प्रतिनिधि भी तेज़ आवाज़ में हूटर बजाते हुए आपको सड़कों पर मिल जाएंगे. इन हूटर्स की आवाज एम्बुलेंस और दमकल की आवाज को भी मात देती है.

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VIP Culture in Madhya Pradesh:  VIP कल्चर को ख़त्म करने की नेक नीयती से नेताओं की गाड़ियों पर लाल बत्ती (red light culture)  लगाने पर पूरे देश में पाबंदी लगाई गई थी. जिसके बाद लाल बत्ती तो हट गई मगर अब उसकी जगह हूटर ने ले ली. नियमों को ताक पर रखकर अब  मंत्री , सांसद तो क्या विधायक और नेता प्रतिनिधि भी तेज़ आवाज़ में हूटर बजाते हुए आपको सड़कों पर मिल जाएंगे. इन हूटर्स की आवाज एम्बुलेंस और दमकल की आवाज को भी मात दे देती है. मतलब लाल बत्ती के बाद लोग अब हूटर को प्रतिष्ठा और रौब से जोड़कर देख रहे हैं. इसी मसले पर NDTV ने खास मुहिम शुरू की है. इसके तहत जब माननीयों से सवाल किये गए तो अजीब-अजीब जवाब सामने आए. किसी का कहना था कि गांव में अनाउंसमेंट में हूटर काम आते हैं  वहीं पूर्व परिवहन मंत्री ने तो इस सवाल का जवाब देना भी ज़रूरी नहीं समझा. 

सबसे पहले हमने बात की पीडब्ल्यूडी मंत्री और पूर्व सांसद राकेश सिंह (Rakesh Singh) से...उनकी गाड़ी पर हूटर नहीं था लेकिन जब NDTV टीम ने उनसे सवाल अन्य गाड़ियों के बारे में किया तो उन्होंने कहा की इसके बारे में उनको कोई ख़ास जानकरी नहीं है. उन्होंने स्वीकार किया कि नियमों की उन्हें जानकारी नहीं है...इसको समझने के बाद जो भी कार्रवाई बनती है वो करने का उन्होंने वादा किया. दूसरी तरफ मौजूदा खाद्य ,नागरिक आपूर्ति मंत्री और पूर्व परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) भी अपनी गाड़ी पर हूटर लगा कर घूमते हैं. जब हमने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और सीधा गाड़ी में जा कर  बैठ गए. इसके बाद जब नियमों का हवाल देकर उनसे फिर सवाल किया तो उन्होंने अपनी गाड़ी ही आगे बढ़वा दी. हमें लगा शायद मंत्री जी ने इसलिए जवाब नहीं दिया क्योंकि वे खुद की नियमों को ताक पर रखे हुए थे. 

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कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने नियमों के खिलाफ अपने वाहन पर हूटर लगा रखा है.

हालाँकि ऐसा नहीं है कि हूटर बजाने में सिर्फ सत्ताधारी बीजेपी के नेता ही आगे हैं....विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक भी हूटर परंपरा में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं. कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर से जब हमने सवाल किया तो उन्होंने अजीब ही तर्क सामने रख दिया. दिनेश गुर्जर ने कहा कि ग्राम पंचायतों में नुक्कड़ मीटिंग और सभा के लिए हूटर काम आते हैं. उन्होंने हमें समझाया कि नुक्कड़ मीटिंग के दौरान हूटर के जरिए लोगों तक आवाज पहुंचती है. उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी वाले स्पीकर को कहाँ लटकाते फिरेंगे. हालांकि जब हमने उन्हें नियमों की जानकारी दी तो उन्होंने ये जरूर कहा कि आगे से वे इसके हिसाब से चलेंगे. 
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