Rewa: इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ-प्रभु श्री राम खेलते हैं होली, रीवा नरेश ने 200 साल पहले करवाया था निर्माण

Holi 2025: रीवा में कई सालों पहले विंध्य प्रदेश के राजा ने विभिन्न धामों की मिट्टी व पानी लाकर धाम की स्थापना की थी. इस मंदिर को बनाने का उद्देश्य क्या था? यहां की होली खास क्यों है? आइए जानते हैं.

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Holi 2025: क्यों खास है रीवा के इस मंदिर की होली

Holi 2025: विंध्य प्रदेश की होली (Holi) बेहद मशहूर है. यहां होली को लेकर पूरे देश प्रदेश के लोगों की तरह बेहद उत्साह होता है, राजघराने की परंपराओं के अनुसार आज भी यहां होली मनाई जाती है. बात ऐसी ही एक परंपरा की रीवा के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर को लगभग सवा दो सौ साल पहले तत्कालीन महाराजा रघुराज सिंह ने बनवाया था. रघुराज सिंह बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के थे, उन्होंने जगन्नाथ पुरी जाकर वहां रथ यात्रा में निकली जाने वाली मूर्तियों को लाकर रीवा में स्थापित किया था. तभी से यहां पर जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर कढ़ी भात का प्रसाद प्रारंभ किया गया था, जो आज भी बदस्तूर जारी है.

होली पर विशेष प्रसाद

होली के दिन यहां प्रसाद ग्रहण करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस दिन मिलने वाले प्रसाद को अर्टिका प्रसाद कहा जाता है. महाराजा रघुराज सिंह ने देश के चारों धाम से मिट्टी व पानी लाकर रीवा में लक्ष्मण बाग की स्थापना भी की थी. यहां पर होली के दिन भक्त पहुंचते हैं और जगन्नाथ जी और राम जी को एक साथ होली खेलते देखते हैं. यह अद्भुत नजारा आपको और कहीं देखने के लिए नहीं मिलेगा.

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लक्ष्मण बाग की स्थापना का तत्कालीन महाराजा का मकसद था कि उनके राज्य की गरीब जनता जो चारों धाम नहीं जा सकती, इसी लक्ष्मण बाग में आकर चारों धाम के देवी देवताओं के दर्शन करके चारों धाम का पुण्य कमा सके. जिसके चलते आज भी इसकी मान्यता है कि चारों धाम के दर्शन के बाद जब तक लक्ष्मण बाग के दर्शन ना कर लिए जाएं चारों धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है.

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