बारिश ने बिगाड़ा MP का 'हाल', अब तक 200 लोगों की मौत, दो दिन में 2 बड़े हादसों ने ली 13 मासूमों की जान

MP News: मध्य प्रदेश में इस साल हो रही भारी बारिश से कई जिले प्रभावित हैं. इस बीच कई हादसे भी हुए. पिछले दो दिनों में दो बड़े हादसों ने 13 मासूम बच्चों की जान ले ली. आंकड़ों की मानें तो अब तक बारिश से प्रदेश भर में 200 लोगों की जान जा चुकी है.

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Heavy Rains in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश से हालत खराब है. पिछले दो दिनों में दो बड़े हादसों ने 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई. इन हादसों के पीछे का सबसे बड़ा कारण बारिश और जर्जर मकान हैं. पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश (Heavy Rains) से प्रदेश के कई जिले प्रभावित हैं. इस साल एमपी में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिसके चलते यहां का जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. प्रदेश के नदी नाले उफान पर हैं. इसके साथ ही बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते प्रदेश के निचले इलाकों में जल-जमाव की स्थिति है.

सागर में 9 मासूमों की गई जान

भारी बारिश से पूरे प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. नदी-नाले भी उफान पर हैं. भारी बारिश के चलते अधिकांश डैम में पानी लबालब भर गया है. मध्य प्रदेश में अब तक औसत से 14 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है. सागर जिले में हो रही भारी बारिश के दौरान रविवार को एक दीवार गिरने से 9 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. ये बच्चे हरदौल मंदिर में शिवलिंग बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे. मंदिर में जिस जगह बच्चे बैठकर शिवलिंग बना रहे थे, उससे लगे 50 साल पुराने मकान की दीवार अचानक ढह गई. मंदिर में जहां हादसा हुआ, वहां की जमीन भी पानी की वजह से धंस गई थी.

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जानकारी के मुताबिक, मंदिर में शिवलिंग बनाने के लिए जर्जर मकान के बगल में टेंट लगा था. इसी टेंट पर मकान अचानक से गिर गया, जिसमें कई बच्चे दब गए. स्थानीय लोगों की मदद से बच्चों को निकाला गया. इस मामले में सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने जानकारी दी कि हादसे में कुल 9 बच्चों की मौत हुई है, जबकि 11 घायल थे. इनमें से 2 का इलाज चल रहा है, दोनों खतरे से बाहर हैं.

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सागर एसपी-कलेक्टर पर गिरी गाज

इस मामले में पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव ने कहा कि यह हादसा बहुत दुखद है. एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, शिवलिंग का निर्माण चल रहा था, बच्चे शिवलिंग का निर्माण कर रहे थे. पुराने मकान की दीवार गिरी, बच्चे दोनों के बोझ से दब गए. वहीं रविवार शाम होते-होते मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले पर बड़ी कार्रवाई की. सीएम मोहन यादव ने सागर कलेक्टर और एसपी के साथ एसडीएम का ट्रांसफर कर दिया.

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रीवा में 4 मासूमों की मौत

इससे पहले शनिवार को रीवा में स्कूल से लौटते बच्चों पर एक जर्जर मकान की दीवार ढही थी. इस हादसे में भी 4 बच्चों की मौत हो गई थी. इस हादसे में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हुई थी. इस हादसे के पीछे भी सबसे बड़ा कारण भारी बारिश और जर्जर मकान को बताया गया.

MP में भारी बारिश की ये है वजह

मध्य प्रदेश में वर्तमान में दो बड़े सिस्टम एक्टिव हैं, जिससे 31 जिलों में भारी बारिश के आसार बने और झमाझम बारिश देखने को मिली. दोनों सिस्टम के चलते छिंदवाड़ा, उमरिया, बैतूल, मैहर, बड़वानी, शहडोल, कटनी, जबलपुर, सतना और आसपास के जिलों में भारी बारिश देखने को मिली. जिसके चलते चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है.

भारी बारिश से इन जिलों में अफरा-तफरी

भारी बारिश से छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के 6 गेट खोले गए. जिसके चलते पेंच नदी में मछली पकड़ने गया एक युवक पानी में बह गया. उमरिया जिले में कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. उमरिया से खितौली होते हुए कटनी जिले से जोड़ने वाला रास्ता पानी में डूब गया, जिससे कई दर्जन यात्री बसें फंस गईं. वहीं बैतूल जिले में भारी बारिश से सतपुड़ा जलाशय के 7 गेट खोलने पड़े. जिससे निचले इलाके के नदी नाले उफान पर हैं.

मैहर-बीहर नदी का जल स्तर बढ़ने से 17 गांवों का संपर्क टूट गया. बड़वानी में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया. शहडोल जिले में हुई बारिश से ब्यौहारी के पास रीवा-शहडोल स्टेट हाइवे में जगह-जगह जलभराव हो गया. कटनी जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया, जिले के कई गांव की बस्तियां और शहर की कालोनियां में बाढ़ का पानी घुस गया है. जबलपुर में भी बरगी डैम के 17 गेटों से 1.77 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. सतना जिले के चित्रकूट धाम की मंदाकिनी नदी उफान पर है, जिले में बकिया डैम के 14 गेट खोलने पड़ गए.

मंदसौर में टहलता दिखा मगरमच्छ

मंदसौर में शिवना नदी पर बने काला भाटा बांध पर एक मगरमच्छ टहलता हुआ दिखाई दिया. आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी गई और बड़ी मशक्कत के बाद खिरकार मगर को पकड़कर सुरक्षित जल क्षेत्र में छोड़ने के लिए ले जाया गया.

भारी बारिश ये अब तक ये हुआ नुकसान

मध्य प्रदेश में 3 अगस्त तक 548.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत से 14% अधिक है. अगले 3 दिनों में भी पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय रहने की संभावना है. प्रदेश के ज्यादातर बांध 60-80% क्षमता तक भर चुके हैं. भारी बारिश से अब तक राज्य में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और लगभग 641 मवेशी भी मारे गए हैं. 206 मकानों को क्षति पहुंची है और 2403 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.

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