पन्ना में एक साल में 37 गर्भवती महिलाओं ने तोड़ा दम, जिम्मेदारों ने आंकड़ों को कम बताकर पल्ला झाड़ा

MP News: पन्ना में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत लचर है. यहां वर्ष 2022-23 के दौरान 37 गर्भवती महिलाओं ने दम तोड़ दिया है. इनमें से 6 महिलाओं ने डिलिवरी के 42 दिनों के भीतर दम तोड़ा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

37 Pregnant Women Died in One Year in Panna: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का पन्ना जिला (Panna) आजादी के इतने वर्षों के बाद भी एक सामान्य स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मोहताज है. 11 लाख की आबादी वाला यह जिला पन्ना हीरों की खान और मंदिरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन आज भी इस जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) के लिए पड़ोसी जिलों पर निर्भर रहना पड़ता है. कहने के लिए तो जिले की हर एक तहसील में उप स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय (District Hospital) मौजूद है. लेकिन, इंफ्रास्ट्रक्चर और दीवारों के सिवाए यहां कुछ भी नहीं है. 

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शासन ने हर साल की तरह इस साल भी वर्ष 2022 और 23 की मातृ-मृत्यु की समीक्षा रिपोर्ट जारी की. जिसमें एक साल के अंदर 37 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई है.

Advertisement

आधा दर्जन महिलाओं की डिलिवरी के 42 दिनों के भीतर हुई मौत

पन्ना जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था के चलते कई प्रसूता और गर्भवती महिलाओं ने अपनी जान गंवा दी. जिसके बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. जिले की हर एक तहसी और ग्राम पंचायत में आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती है, जिनका काम महिला के गर्भ धारण करने के बाद से लेकर प्रसव तक की पूरी जांच और समस्याओं को दूर करना है. लेकिन, जिले की जमीनी हकीकत बताती है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और व्यवस्थाओं की हालत खस्ता है.

Advertisement

आपको बता दें कि पन्ना जिले में वर्ष 2022-23 की मातृ-मृत्यु की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार 37 महिलाओं की मौत हुई है. जिनमें से सबसे ज्यादा अजयगढ़ ब्लॉक में 9 महिलाओं की मौत हुई है, जबकि देवेंद्रनगर और पन्ना ब्लॉक में 8-8 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई हैं. इनमें से आधा दर्जन प्रसूताओं की मौत डिलिवरी के 42 दिनों के अंदर हुई है. पन्ना जिले में हो रही इन मौतों के पीछे का एक बड़ा कारण जिले में डॉक्टरों की कमी को माना जा रहा है.

Advertisement

इतने बड़े जिले में 37 मौतें कम: CMHO

वहीं दूसरी ओर पन्ना जिले के सीएमएचओ (Panna CMHO) ने इन आंकड़ों को लेकर बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया है, जिसको लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी और गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं. जिले के CMHO डॉ वी. एस. उपाध्याय ने जिले में 37 प्रसूताओं की मौत पर कहा कि यह आंकड़ा पूरे जिले के हिसाब से कुछ ज्यादा नहीं है. इतने बड़े जिले में 37 मौतें बहुत कम हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मातृ-मृत्यु दर को कम करने के लिए रजिस्ट्रेशन बढ़ा रहे हैं. हम पूरे प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के मामले में टॉप 10 में हैं.

यह भी पढ़ें - सावधान! कहीं आप नकली व मिलावटी Cold Drinks तो नहीं पी रहे हैं? यहां पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ा ब्रांडेड माल

यह भी पढ़ें - नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की कोर्ट ने दी अनुमति, लेकिन माता-पिता को ये करना होगा