MP: नर्मदा नदी के किनारे अवैध निर्माणों पर हाई कोर्ट का सख्त, दिये ये निर्देश

Madhya Pradesh News: नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि नर्मदा नदी के 300 मीटर के दायरे से अवैध निर्माण हटाए जाए.

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MP High Court : नर्मदा नदी के किनारे अतिक्रमण और अवैध निर्माण से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि बारिश के दौरान जल संग्रहण की अधिकतम सीमा से 300 मीटर की दूरी का माप किया जाए. यह माप संबंधित पक्षों की उपस्थिति में सभी एसडीएम द्वारा किया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी.

नर्मदा नदी के किनारे अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट में सुनवाई

डिंडौरी में नर्मदा नदी के 50 मीटर के दायरे में बिना अनुमति बहुमंजिला मकान के निर्माण को भी इस याचिका में चुनौती दी गई थी. इसके साथ ही अवमानना याचिका सहित तीन अन्य मामलों पर भी याचिकाएं दायर की गई थीं.

300 मीटर के दायरे से निर्माण हटाने के दिए निर्देश

पूर्व सुनवाई में नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 के बाद जबलपुर के तिलवाराघाट, गौरीघाट, जिलहरीघाट, रमनगरा, गोपालपुर, दलपतपुर, और भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के 300 मीटर के दायरे में कुल 75 अतिक्रमण पाए गए थे. इनमें से 41 निजी भूमि, 31 शासकीय भूमि और 3 आबादी वाले भूमि पर थे. बता दें कि हाई कोर्ट ने 1 अक्टूबर, 2008 के बाद किए गए सभी अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया था.

इसके अलावा हाई कोर्ट ने अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने के निर्देश दिए और अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया. कोर्ट कमिश्नर ने पूर्व में अपने सर्वे की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की थी, जिसमें बताया गया था कि नदी के अधिकतम जल भराव क्षेत्र से 300 मीटर की दूरी निर्धारित है. राज्य सरकार ने टाउन एंड कंट्री के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि रिवर बेल्ट से 300 मीटर की दूरी निर्धारित की गई है. इस मामले में राज्य सरकार के जवाब की प्रति सभी पक्षकारों को दी जाएगी.

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