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यहां धनकुबेर हैं 'कान्हा'... जन्माष्टमी पर बजाएंगे सोने की बांसुरी, 100 करोड़ के आभूषण करेंगे धारण

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में  कृष्णजन्मोत्सव  पर  सबसे अनूठा आयोजन होता है. 

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ग्वालियर के गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर 100 करोड़ के आभूषण से भगवान कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. 

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इस दिन कान्हा सोने की बांसुरी भी बजाते हैं. 

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इन आभूषणों में बेशकीमती रत्न हीरा, पन्ना, माणिक, नीलम, मोती और पुखराज जड़े हैं.

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हर साल कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से आभूषण निकाला जाता है.

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इन गहनों में सात लड़ियों का हार, कंगन, बाजूबंद, मोतियों की माला और स्वर्ण मुकुट शामिल हैं.

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इनकी सुरक्षा के लिए  50 से ज्यादा CCTV से निगरानी और 200 जवान तैनात रहते हैं. 

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सात लड़ियों के हार में 55 पन्ना, 30 से अधिक हीरे, 62 एंटीक मोती और मणिक जड़े हैं.

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भगवान का मुकुट 3-3 किलो के सोने से बने हुए हैं, जिसमें 50 हीरे, 25 माणिक, 20 पुखराज, 16 ग्राम पन्ना और नीलम जड़े हैं.

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वहीं भगवान कृष्ण की सोने की जो बांसुरी है उस पर 20 हीरे जड़े हैं.

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गोपाल मंदिर की स्थापना साल 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधो महाराज ने की थी.

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 उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे.

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