ग्वालियर हिंसा : पुलिस ने 700 लोगों के खिलाफ दर्ज किए मामले, आयोजकों की भूमिका पर संदेह

पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उत्पात मचाकर उन्होंने अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया और ऐसा लगता है कि यह घटना आयोजकों की मौन स्वीकृति से हुई.'

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ग्वालियर हिंसा में 700 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

Gwalior News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) शहर में एक दिन पहले गुर्जर (Gurjar) सम्मेलन में भाग लेने वाली भीड़ के उग्र होने के बाद 700 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं और शहर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है. अधिकारियों ने कहा था कि भीड़ ने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ऋषिकेश मीणा ने मंगलवार को कहा कि लगभग 700 लोगों के खिलाफ तीन थानों में पांच प्राथमिकी दर्ज की गईं.

उन्होंने कहा कि दंगा करने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में कम से कम 20 लोगों के नाम हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दंगाइयों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोमवार को फूल बाग इलाके में एक समुदाय को सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की सशर्त अनुमति दी गई थी.

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जिला कलेक्ट्रेट पर लोगों ने किया हंगामा
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उत्पात मचाकर उन्होंने अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया और ऐसा लगता है कि यह घटना आयोजकों की मौन स्वीकृति से हुई.' सोमवार को सभा में शामिल लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर हंगामा किया और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने खड़ी गाड़ियों पर पथराव कर दिया. पुलिस ने हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

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क्या बोले गुर्जर समाज के पदाधिकारी?
हिंसा से पहले, गुर्जर समाज के पदाधिकारी और कार्यक्रम के आयोजकों में से एक, जसवंत सिंह ने दावा किया था कि उनके समुदाय पर लंबे समय से अत्याचार हो रहे हैं. उन्होंने कहा, 'गुर्जर राजा मिहिरभोज की प्रतिमा पर से टिन शेड हटाया जाना चाहिए. राजनीतिक दलों को आबादी के अनुसार समुदाय से उम्मीदवार खड़े करने चाहिए.' उन्होंने सेना में गुर्जर रेजिमेंट के गठन और मुरैना में समुदाय के एक युवक की कथित फर्जी मुठभेड़ में जांच की मांग की थी.

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