SHO ने की 'अनदेखी' तो सीधे SP करेंगे जांच, MP के इस जिले में आया नया 'नियम'

MP Police News : पुलिस थानों में लगातार आवेदनों की बढ़ती पेंडेंसी और जांच से असंतुष्ट फरियादियों का अफसरों के सामने जनसुनवाई में उमड़ती भीड़ परेशानी का सबब बन गई है. खास बात ये कि ज्यादातर शिकायत और इनके विवाद भी मामूली स्तर के होते है जो पड़ोसियों और परिजनों से जुड़े रहते हैं.

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Gwalior News : पुलिस थानों में लगातार आवेदनों की बढ़ती पेंडेंसी और जांच से असंतुष्ट फरियादियों का अफसरों के सामने जनसुनवाई में उमड़ती भीड़ परेशानी का सबब बन गई है. खास बात ये कि ज्यादातर शिकायत शहरी क्षेत्र के होते है और इनके विवाद भी मामूली स्तर के होते है जो पड़ोसियों और परिजनों से जुड़े रहते हैं. SP ऑफिस में बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए ग्वालियर पुलिस अब ऑपरेशन विश्वास शुरू करने जा रही है. इसके तहत पुलिस लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने का प्रयास करेगी जिसमें थाना के बीट प्रभारी से लेकर थाना प्रभारी, CSP और ASP तक को जिम्मेदारी दी गई है. ASP की जांच से भी अगर मामला नहीं सुलझता है तो फिर SP खुद संबंधित मामले की जांच पड़ताल कर फरियादी को समय पर न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.

जनसुनवाई में बढ़ रही भीड़

मध्य प्रेदश में राज्य शासन के आदेश पर हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बीते मंगलवार हुई जनसुनवाई में भी बड़ी संख्या में आवेदक पहुंचे. जिनमें ज्यादातर फरियादियों की शिकायत थी कि थाना स्तर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.

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अब आएगा ऑपरेशन विश्वास

इसी को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर के प्रभारी SP सगर ने यह ऑपरेशन शुरू करने का फैसला लिया. SP ने बताया कि थाना स्तर पर हुई कार्रवाई से असंतुष्ट फरियादियों को समय पर न्याय दिलाने के लिए ये ऑपरेशन विश्वास शुरू किया जा रहा है.

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कैसे काम करेगा ये सिस्टम

इसमें 7 दिन के अंदर बीट प्रभारियों को जांच रिपोर्ट थानेदार को देनी होगी और अगर उस जांच से फरियादी संतुष्ट नहीं है... तो थानेदार खुद मामले की जांच करेगा. इसके बाद CSP और ASP भी मामले की जांच कर फरियादी को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.  इसके बाद भी अगर फरियादी संतुष्ट नहीं होगा तो SP खुद मामले की जांच करेंगे.

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क्या बोले SP राकेश कुमार

SP राकेश कुमार सगर ने बताया कि बीते मंगलवार हुई जनसुनवाई में डेढ़ सैकड़ा मामले सामने आए थे जिनमें 90% मामले शहरी क्षेत्र के हैं और 10% मामले ग्रामीण क्षेत्र के थे. इनमें से जिन्हें आसानी से बातचीत कर थाना स्तर पर निपटाया जा सकता था.... क्योंकि ये मामले जमीन विवाद, रास्ते का विवाद, अतिक्रमण, पारिवारिक झगड़ा और पड़ोसियों से झगड़ा से जुड़े थे.

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फरियादियों को मिलेगा इंसाफ

अब इनमें थाना प्रभारी से भी जवाब तलब किया जाएगा कि जो मामले उनके थाने में पहुंचे उनमें उन्होंने क्या कार्रवाई की, क्योंकि ज्यादातर मामलों में यही देखने को मिला है कि थाना स्तर पर सुनवाई न होने से फरियादी परेशान होते हैं. इसलिए हमारा प्रयास है कि सभी को समय से न्याय मिल सके.

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