Gwalior: TI मंगल सिंह पपोला सस्पेंड, 16 साल पहले नीमच में किया था फर्जी एनकाउंटर, CBI के वारंट जारी करते हो गए फरार 

Neemuch Fake Encounter Case: साल 2009 में नीमच पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने 7 और 8 फरवरी की रात नशे के तस्कर बंशी गुर्जर को एक मुठभेड़ में मार गिराया है. इस एनकाउंटर के बाद पूरे राज्य में नीमच थाने की पुलिस ने खूब बाहवाही बटोरी थीं. वहीं इसमें शामिल मंगल सिंह पपोला को बाद में आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन भी मिला था.

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TI Mangal Singh Papola suspended: ग्वालियर के झांसी रोड थाना में टीआई के रूप में पदस्थ रहते हुए छुट्टी पर गए निरीक्षक मंगल सिंह पपोला चार महीने बीतने के बाद भी वापस नहीं लौटे हैं और वो अभी भी ड्यूटी से गायब हैं. जिसके चलते एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बीती रात उन्हें  सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड टीआई ने 16 साल पहले हवलदार रहते हुए एमपी के नीमच में एनकाउंटर में एक स्मैक तस्कर को मार गिराया था. जिसके बाद उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला था.

नीमच फर्जी एनकाउंटर में शामिल मंगल सिंह पपोला सस्पेंड

हालांकि जिसका एनकाउंटर हुआ था वो तीन साल बाद जिंदा लौट आया. जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू हुई. कुछ महीने पहले मामले की जांच सीबीआई के पास पहुंची. अप्रैल 2025 में सीबीआई ने इस एनकाउंटर से जुड़े टीआई पपोला  के खिलाफ वारंट जारी किया था, लेकिन इसकी भनक लगते ही वो लीव लेकर गायब हो गए और चार महीने बाद भी लौटकर नहीं आए, जिसके बाद एसएसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया है.

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नीमच में कथित फर्जी एनकाउंटर के बाद मंगल सिंह पपोला को आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन मिला था. बता देंकि जब वो साल 2009 में एनकाउंटर में शामिल थे तो हेड कॉन्स्टेबल के पद पर थे. 

तस्कर बंशी गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर का ऐसे खुला था राज

दरअसल, साल 2009 में नीमच पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने 7 और 8 फरवरी की रात नशे के तस्कर बंशी गुर्जर को एक मुठभेड़ में मार गिराया है. इस घटना के बाद पूरे राज्य में नीमच थाने की पुलिस ने खूब बाहवाही बटोरी थीं, लेकिन इस मामले में नया मोड़ उस वक्त आया, जब तीन साल बाद यानी साल 2012 में बंशी गुर्जर जीवित लौट आया. बंशी गुर्जर के लौट आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया था, जिसमें मारा गया व्यक्ति कोई और था.

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CID पर भी लीपापोती का लगा था आरोप

इस मामले का खुलासा होने पर इस फर्जी एनकाउंटर की जांच सीआईडी को सौंपी गई, लेकिन मामला पुलिस विभाग से जुड़े होने के कारण इस जांच पर लीपापोती का आरोप लगने लगा. वहीं एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया. हालांकि जांच धीमी रही, लेकिन हाल ही में कोर्ट की सख्ती के बाद सीबीआई ने मामले की जांच और कार्रवाई तेज की.

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TI पपोला के खिलाफ जारी हुआ था वारंट

नीमच के इस फर्जी एनकाउंटर के मामले में फंसे टीआई पपोला के साथ कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर गिरफ्तार की तलवार लटक रही है. वहीं इनके खिलाफ वारंट भी जारी किए गए हैं. 

सीबीआई ने इस मामले में झांसी रोड थाना के तत्कालीन टीआई मंगल सिंह पपोला के खिलाफ अप्रैल 2025 में वारंट जारी किया था, लेकिन जब यह वारंट लेकर सीबीआई कॉन्स्टेबल थाने पहुंचा, तो पपोला वहां नहीं थे. दरअसल, वो छुट्टी लेकर गायब हो गए. इसके बाद जब टीआई से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका कुछ भी पता नहीं चला. पपोला अपना मोबाइल फोन बंद करके अंडरग्राउंड हो गए हैं. बता दें कि पोपला स्पेशल पे लीव लेकर गायब हो गए हैं. वहीं चार महीने बाद भी नहीं लौटने के बाद एसपी ने उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है.

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