Gwalior: रामलीला देखने फूलबाग मैदान पहुंचा सिंधिया परिवार, 77 साल से निभा रहे ये परंपरा

Gwalior: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपने पूरे परिवार के साथ ऐतिहासिक रामलीला का मंचन देखने फूलबाग मैदान पहुंचे. इस दौरान राज परिवार ने राम, लक्षमण और सीता की आरती उतारकर उनका स्वागत किया. 

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राज परिवार ने राम, लक्षमण और सीता की आरती उतारी.
 ग्वालियर:

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपने पूरे परिवार के साथ रविवार की रात ऐतिहासिक रामलीला का मंचन देखने फूलबाग मैदान पहुंचे. इस दौरान राज परिवार ने राम, लक्षमण और सीता की आरती उतारकर और पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया. फिर दर्शक दीर्घा में बैठकर रामलीला का मंचन भी देखा.

दरअसल, ग्वालियर में सिंधिया राज परिवार ने लगभग 77 साल पहले इस रामलीला की शुरुआत की थी और तब से लेकर अब तक इसका आयोजन हो रहा है. वहीं हर साल सिंधिया परिवार रामलीला को देखने पहुंचते हैं. 

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पहले छत्री मंडी में होती थी यह रामलीला 

इस रामलीला की शुरुआत जीवाजी राव महाराज प्रथम द्वारा की गई थी. उस समय भी महाराज और महारानी राम, लक्षमण और सीता की आरती उतारने जाते थे. हालांकि तब इसका आयोजन ग्वालियर में गोरखी महल के नजदीक स्थित शाही छतरियों के सामने होता था, लेकिन बाद में वहां सब्जी और फल की दुकानें लगने लगी, इसलिए उसे छत्री मंडी कहा जाने लगा. वहीं लगभग सौ साल तक इस जगह पर रामलीला का मंचन होता था. साथ ही इस जगह पर रावण दहन भी किया जाता था, लेकिन अब इस मैदान में हॉकी स्टेडियम का निर्माण हो गया. इसलिए कुछ सालों से ये आयोजन फूलबाग मैदान में होने लगा है.

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सिंधिया बोले- सिंधिया परिवार हिन्दू संस्कृति की रक्षा में अग्रणी रहा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि मराठा राज परिवार का हिंदू संस्कृति से सदैव जुड़ाव रहा है. शिवाजी महाराज से लेकर माधव महाराज तक हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है. चाहे काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र को विकसित करने का काम हो, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिंधिया स्कूल के दौरे पर अपने संबोधन के दौरान किया. उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल मंदिर को संरक्षित करने का काम सिंधिया राज परिवार ने करवाया. हमारा परिवार हमेशा हिंदू संस्कृति के लिए आगे रहा है और आगे भी रहेगा. 

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