MP: महिलाओं के आरक्षित पदों पर पुरुषों की भर्ती ! बर्खास्तगी से बचने परिवहन आरक्षक पहुंचे हाईकोर्ट

MP News: मध्य प्रदेश में महिलाओं के पदों पर पुरुषों की भर्ती का मामला सामने आया है. बर्खास्तगी से बचने के लिए जब आरक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में  परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा में महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर पुरूषों की भर्ती करने का मामला उजागर हुआ है. अब यह मामला अदालत में पहुंच गया है . इस कोटे में भर्ती तीन आरक्षकों ने बर्खास्तगी की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में याचिका दायर की है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 

ये है मामला

साल 2012 में मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग ने परिवहन आरक्षक भर्ती करने के लिए परीक्षा आयोजित की थी. इसमे महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर विभाग ने पुरुषों को भर्ती कर लिया था. विवाद उठा तो तर्क दिया गया कि महिलाओं के लिए सौ पद आरक्षित थे लेकिन केवल 40 महिलाएं ही इस पद पर भर्ती के लिए पात्र पाई गईं. महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर पुरुषों की भर्ती के खिलाफ एक महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी .

हाईकोर्ट ने कुछ समय पहले यह नियुक्तियां निरस्त करने का आदेश पारित किया. शासन ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी लेकिन वहां से भी राहत नही मिली . 

यह खबर समाचार पत्रों और मीडिया में आने के बाद परिवहन आरक्षक अनुराग सिंह भदौरिया और दो अन्य आरक्षकों ने अपनी बर्खास्तगी की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में एक याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने एक अखबार की कटिंग लगाई जिसमें दावा किया गया कि परिवहन विभाग के 45 आरक्षकों को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी. 

याचिका की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वह बीते एक दशक से  भी ज्यादा समय से परिवहन विभाग में सेवा कर रहे हैं ऐसे में उन्हें बगैर सुनवाई का मौका दिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए. 

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दो हफ्ते के अंदर देना होगा जवाब

इस मामले में सरकारी एडवोकेट ने यह कहते हुए याचिका खारिज करने की अपील की कि सिर्फ अखबारों में छपी खबरों के आधार पर कोई याचिका दायर नहीं की जा सकती. अभी विभाग की तरफ से बर्खास्तगी को लेकर कोई पत्र जारी नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने याचिका पर मांग के अनुसार फिलहाल रोक तो नहीं लगाई है, लेकिन शासन को नोटिस देकर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है.

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