Gwalior News: ग्वालियर जिला अस्पताल में तीन घंटे गुल रही बिजली, ठप रही चिकित्सा सेवाएं

Gwalior Hospital: गर्मी और अंधेरे से परेशान होकर अटेंडर अपने मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर बाहर ले आए. कई मरीज खुले आसमान के नीचे ही ड्रिप लगाते नजर आए. वहीं जिन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला, वे खुद बाहर आकर बेंचों पर लेट गए.

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Gwalior News: ग्वालियर जिला अस्पताल में तीन घंटे गुल रही बिजली, ठप रही चिकित्सा सेवाएं

Gwalior News: ग्वालियर के मुरार स्थित शासकीय जिला अस्पताल में आज तीन घंटे तक अफरा तफरी का आलम रहा. यहाँ सुबह अचानक बिजली गुल हो गई, जिसके चलते न तो पेशेंट के पर्चे बन पाए और न उनकरे उपचार मिल सका. ऑपरेशन थिएटर के अँधेरे मे डूबने से गंभीर मरीजों के आपरेशन भी अटक गए. गर्मी और अँधेरे ऐ बचाने अटेंडर अपने मरीजों क़ो स्ट्रेचर पर लेकर बाहर की तरफ भागे और खुले आसमान के न्यूचे ड्रिप चढ़ते हुए देखे गए. वहीं अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, बिजली विभाग से सप्लाई चालू थी लेकिन अस्पताल की आंतरिक लाइन में फॉल्ट आ गया था. करीब तीन घंटे बाद फॉल्ट ठीक हुआ और सेवाएं बहाल हो सकीं.

क्या है मामला?

ग्वालियर के मुरार में जिला अस्पताल है. इसका भवन भी नया बनाया गया है और अनेक आधुनिक उपकरण लगाए गए. यहाँ हजारों की संख्या में मरीज जिले भर से रोज उपचार कराने पहुंचते है. यहाँ सैकड़ो मरीज भर्ती रहते है और रोज दर्जनों गंभीर मरीजों के ऑपरेशन होते हैं. आज लगभग आठ बजे अचानक अस्पताल की लाइट गुल हो गई. पहले तो सोचा कि बिजली विभाग की तरफ से गयीं होंगी जो समान्य तौर पर थोड़ी देर मे आ जाती है, लेकिन ज़ब काफी देर तक बिजली नहीं आयी तो पता चला कि लाइट की इलाके में सप्लाई तो चालू है सिर्फ अस्पताल की लाइट गुल है. कोई अंदरूनी फॉल्ट है. इसके बाद सिविल सर्जन ने बिजली वालों की टीम लगाई जो फाल्ट ढूंढती रही.

जब लगातार तीन घंटे बिजली गुल हुई तो अस्पताल में अंधेरा छा गया और सारे काम ठप्प पड़ गए. न तो रजिस्टशन पर्चे बन पर रहे थे और न अंदर ओपीड़ी मे डॉक्टर मरीजों क़ो देख पर रहे थे. ब्लड बैंक से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक सब ठप्प पड़ गए. 

अस्पताल मे भर्ती मरीज गर्मी और अँधेरे से जब बेहाल होने लगे तो अटेंडर उन्हें ड्रिप सहित ही स्ट्रेचर पर लेकर बाहर खुले में आ गए. जिन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला वे खुद ही चलकर बाहर आकर बेंच पर लेट गए. लगभग तीन घंटे बाद 11 बजे फाल्ट मिला और उसके बाद अस्पताल मे चिकित्सा सेवाएं बहाल हो सकीं. इस दौरान मरीजों और अटेंडेंरो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

अस्पताल प्रबंधन का क्या कहना है?

इस मामले मे सिविल सर्जन डॉ आर के शर्मा का कहना है कि उनके यहां तीन जनरेटर है, बाकी जगह इन्वर्टर हैं, क्योंकि यहाँ लाइट अक्सर जाती रहती है लेकिन बैक अप से काम चलता रहता है. आज ओटी से ओपीड़ी में आने वाली लाइन में फाल्ट आने से ओपीडी और ब्लड बैंक मे दिक्क़त आयी थी. हमारे और एमपीईबी के मैकेनिको ने एक घंटे मे फाल्ट ढूंढकर व्यवस्था सुचारु कराई. मरीजों के बाहर निकलकर आने क़ो उन्होंने साजिश बताया.

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