डिजिटल अरेस्ट मामले में MP हाई कोर्ट ने 10 आरोपियों को दी क्लीन चिट, नहीं मिले कोई सबूत

Gwalior News: हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने जिले के बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट मामले में दस आरोपियों के खिलाफ एफआईआर निरस्त कर दी है. कोर्ट से बाहर आरोपियों से पैसे वापस मिलने और समझौता होने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

MP News in Hindi: ग्वालियर के बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट मामले में आरोपियों और फरियादी में समझौता होने से हाईकोर्ट ने 10 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी. साथ ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर को निरस्त कर दी. इस मामले के दो आरोपी फिलहाल जेल में है, जबकि मुख्य आरोपी कथित महिला सुनीता कुमारी अभी तक फरार है, जिसे क्राइम ब्रांच पुलिस अब तक ट्रेस नहीं कर सकी है. न्यायालय ने माना कि शिक्षिका को धमकाने वाली महिला मुख्य आरोपी है बाकी आरोपियों से महिला का सीधा संबंध नहीं है.

रिटायर्ड शिक्षिका के साथ ठगी

दरअसल, इसी साल 13 और 14 मार्च के बीच उपनगर मुरार के सीपी कॉलोनी में रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को मुंबई की कथित पुलिस अधिकारी सुनीता कुमारी ने उनके फोन से बच्चों के पोर्न वीडियो शेयर करने और उसके दुरुपयोग को लेकर इतना डराया धमकाया था कि घर में अकेली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर बुरी तरह घबरा गई थी. उन्हें उनके मुंबई में रहने वाली बेटी और दामाद से भी संपर्क नहीं करने की हिदायत दी गई थी.

सायबर ठगों ने डरा-धमकाकर वसूले थे 51 लाख

सुनीता कुमारी ने मामला रफा दफा करने के एवज में शिक्षिका से पहले 46 लाख फिर 5 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए. बाद में जब आशा भटनागर का अपनी बेटी और दामाद से संपर्क हुआ तो पता चला कि उन्हें धमकाने वाली कथित सुनीता कुमारी न तो मुंबई पुलिस में है न ही उनके मोबाइल नंबर से बच्चों के पोर्न वीडियो और अवांछित गतिविधियां की गई हैं.

10 आरोपियों को पकड़ लिया 

इसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस में आशा भटनागर ने मुकदमा दर्ज कराया था. लंबी जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, गुजरात से 10 आरोपियों को पकड़ लिया. जिनके अकाउंट में महिला शिक्षिका के पैसे ट्रांसफर हुए थे. न्यायालय में महिला शिक्षिका ने कहा कि वह आरोपियों से अपने पूरे पैसे यानी 51 लाख रुपये प्राप्त कर चुकी हैं, उनकी उम्र अब इस लायक नहीं है कि वह कोर्ट के चक्कर लगा सकें. आरोपियों से भी उन्हें कोई शिकायत नहीं है, इसलिए इस केस को खत्म कर दिया जाए. 

Advertisement

क्राइम ब्रांच पुलिस उसकी तलाश

न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्याय उदाहरण को ध्यान में रखते हुए महिला आशा भटनागर के कथन और आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस केस को निरस्त करने का आदेश दिया है. इस मामले में दो आरोपी फिलहाल ग्वालियर की सेंट्रल जेल में है, जबकि सुनीता कुमारी का अब तक कोई पता नहीं है. क्राइम ब्रांच पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

ये भी पढ़े: MP में इस दिन से शुरू होगी धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी, उपार्जन नीति घोषित

Topics mentioned in this article