Handover Sarchachi On Contract: गुना जिले में पंचायतों में भ्रष्टाचार का अजब मामला सामने आया, जिसने प्रशासन से लेकर आमजन तक को हैरान कर दिया है. दरअसल, जिले के करोद ओर चाचौड़ा की रामनगर पंचायतों को सरपंच ने नियमों को ताक पर रखकर पंच को ठेके पर सौंप दिया है. ठेके पर दिए गए सरपंची का बाकायदा एग्रीमेंट हुआ और पांच फीसदी कमीशन पर सौदा हुआ.
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पंच रणवीर कुशवाह के खिलाफ फ्रॉड की विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ केस
रिपोर्ट के मुताबिक मामला प्रशासन के संज्ञान में आया, तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर केंट थाना में पंच रणवीर कुशवाह के खिलाफ फ्रॉड की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया और सरपंच लक्ष्मी बाई को पद से हटा दिया गया. वहीं जब NDTV की टीम करोद पंचायत पहुंची तो बहां के ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी काम नहीं यहां नहीं हुआ है, एक महीने बाद बारिश आने वाली है खड़ंजा भी नहीं डाला है.
करोद -चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की दोनों सरपंचों को हटाया गया
सूत्रों के मुताबिक चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की सरपंच मुन्नीबाई सहरिया को रामसेवक मीणा ने चुनाव लड़ाया था. यहां भी बाकायदा स्टांप पर एग्रीमेंट हुआ है. इसमें उन्होंने सालाना 1 लाख में सरपंची का ठेका ले लिया. हालांकि यहां कमीशन का कोई उल्लेख नहीं है. एग्रीमेंट में सरपंच ने बाकायदा लिखा कि उनका सरपंची पर कोई अधिकार नहीं रहेगा. इस मामले में गुना की करोद पंचायत और चाचौड़ा क्षेत्र की रामनगर पंचायत की दोनों सरपंचों को हटा दिया गया है.
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आरक्षित सीट पर खुद चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए दूसरों पर लगाते हैं दांव
गौरतलब है अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पंचायत में अक्सर दबंग लोग पर्दे के पीछे से सरपंची करते हैं, क्योंकि वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए आरक्षित वर्ग के किसी व्यक्ति पर दांव लगाते हैं.चुनाव में वही पैसा खर्च करते हैं.ऐसी पंचायत में निर्वाचित सरपंच नाम मात्र का रहता है उसे चुनाव लड़ने वाले दबंग सारे कागजात चेकबुक सील आदि अपने पास रखते हैं.
रामनगर और करोद पंचायत में आरक्षित वर्ग की महिला चुनी गई थी सरपंच
रिपोर्ट कहती है कि आरक्षित वर्ग पर चुनाव जीत कर सरपंच बने सरपंच के आधार से जारी होने वाले मोबाइल नंबर का इस्तेमाल भी दबंग करते हैं. अगर ऐसी पंचायत में फोन लगाया जाए तो उसे सरपंच नहीं, बल्कि वहां का दबंग ही उठाता है रामनगर पंचायत और करोद पंचायत में आरक्षित वर्ग की महिला सरपंच चुनी गई थी.
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