Atmaram Pardi Murder Case: मध्य प्रदेश के गुना जिले के बहुचर्चित आत्माराम पारदी हत्याकांड के मुख्य में आरोपी रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ दाऊ को गुना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह कुछ मामलों में तीन साल से अधिक समय से फरार था. उसके खिलाफ गुना जिले के तीन थानों में आधा दर्जन संगीन अपराध दर्ज हैं.
आत्माराम मर्डर केस में एक आरोपी योगेन्द्र सिसोदिया करीब तीन साल से जेल में बंद है. उसकी नियमित जमानत अर्जी तीन बार हाई कोर्ट से निरस्त हो गई है.लेकिन इस मामले में तीन साल तक फरार रहे एक लाख के ईनामी मुख्य आरोपी रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ दाऊ ने दूसरे प्रयास में 26 सितंबर को अग्रिम जमानत हासिल कर ली. इसके बाद वह अपने घर आकर समर्थकों से मालाएं पहन कर जमानत का जश्न मना रहा था.
जबकि अन्य मामलों में फरार था. गवाहों को धमकाने के एक मामले में उसने अग्रिम जमानत के लिए स्थानीय अदालत में जमानत की अर्जी भी दाखिल कर दी थी, जिसकी सुनवाई 6 अक्टूबर को होनी थी.
एक फरार बदमाश के इस तरह खुलेआम जश्न मनाकर वीडियो वायरल कराने से एक ओर जहां सीएम मोहन यादव की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर बट्टा लग रहा था, वहीं दूसरी ओर पुलिस को भी नीचा देखना पड़ रहा था. फरार आरोपी रामवीर के समर्थक उसके स्वागत के वीडियो उसे बॉस और शेर बताते हुए लगातार सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे थे.
"सुपर 12" स्पेशल पुलिस टीम बनाई
कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाले इस प्रदर्शन को प्रदेश की पुलिस ने गंभीरता से लिया. डीजीपी कैलाश मकवाना ने आरोपी को हर हाल में गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. आईजी अरविंद सक्सेना के डायरेक्शन में एसपी अंकित सोनी ने "सुपर 12" स्पेशल पुलिस टीम बनाई और सीएसपी प्रियंका मिश्रा के नेतृत्व में 5 अक्टूबर की शाम को आरोपी के घर पर दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया.
सूत्रों ने बताया कि आरोपी को छुड़वाने के लिए कांग्रेस के एक आला नेता ने काफी देर तक प्रयास किए वो कई जगह फोन घनघनाते रहे लेकिन पुलिस ने आरोपी को नहीं छोड़ा.
दरअसल, आरोपी रामवीर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डस्टर कार खरीदी थी. आत्माराम मर्डर केस में इस कार का उपयोग वारदात की जगह से लाश को लाने में किया गया था. सीआईडी ने रामवीर के घर से कार जब्त की थी. सीआईडी ने कार मालिक की पड़ताल की तो कार कैश पेमेंट से इंदौर से खरीदकर रामवीर द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरटीओ कार्यालय गुना में रजिस्ट्रेशन करना पाया गया.इस अपराध में ही सिटी कोतवाली पुलिस ने रामवीर को गिरफ्तार किया.
फरारी के वक्त भी समर्थकों के संपर्क में था
लेकिन गिरफ्तारी के बाद आरोपी रामवीर ने अपने समर्थकों से जिस तरह का प्रदर्शन कराया उसे लेकर पूरे शहर में नाराजगी है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या एक अपराधी के लिए कानून का कोई महत्व नहीं है.सवाल खड़े होना लाजमी भी हैं क्योंकि फरार बर्खास्त आरोपी रामवीर सिंह की गिरफ्तारी के बाद भी वह मोबाइल से समर्थकों के संपर्क में रहा. वहीं आरोपी ने अपने गुर्गों से गवाहों, पत्रकारों और वकीलों को दबाने की रणनीति भी बनाई.
गिरफ्तारी के बाद ऐसा रहा माहौल
अगले दिन जब रामवीर को थाने से कोर्ट पेशी पर ले जाया गया तो शहर के असामाजिक तत्वों ने अपनी मोटरसाइकिलों से रामवीर सिंह को गैंगस्टर की तर्ज पर जिला न्यायालय परिसर में आमद कराई. इस दौरान कई निगरानी शुदा बदमाश और जिलाबदर के आरोपी रामवीर के इर्द गिर्द मौजूद रहे. जिन्होंने पुलिसकर्मियों पर भी अप्रत्याशित दबाव बनाया. पत्रकारों को फोटो खींचने से रोका और हड़काया. पूरे शहर ने ये नजारा देखा.
जिला जज भी हुए नाराज
जब बर्खास्त फरार रामवीर कोर्ट में पहुंचा तो असामाजिक तत्वों की भीड़ देखकर खुद जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा को दखल देना पड़ा. वह अपने चेंबर से बाहर आ गए, और सीजेएम के चेंबर में आकर बैठ गए. डिस्ट्रिक्ट जज ने पुलिसकर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इन सभी लोगों को कोर्ट परिसर से बाहर करिये, क्या ये कोई वकील हैं जो कोर्ट में इकट्ठा हैं, क्या ये लोग माहौल नहीं बिगाड़ रहे हैं. कोर्ट में रामवीर ने वकीलों को भी धमकाया जिससे वकीलों में नाराजगी है.
पुलिस कर रही है पूछताछ
सिटी कोतवाली पुलिस कोर्ट से आरोपी का तीन दिन का रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी पूछताछ में गुमराह कर रहा है. हालांकि डीजीपी कैलाश मकवाना ने कुख्यात बदमाश रामवीर को शानदार योजना बनाकर गिरफ्तार करने पर एसपी अंकित सोनी और पुलिस टीम की प्रशंसा की है.
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