खजुराहो में राग बसंत की लय पर बना गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1484 घुंघरू साधकों ने किया कथक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को विशेष बनाते हुए खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की. 

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खजुराहो में राग बसंत की लय पर बना गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड

Guinness World Records: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहों में राग बसंत की लय पर 1484 कथक नृत्य साधकों के थिरकते कदमों ने 20 फरवरी 2024 को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड रच दिया. हाथों में दीपक लेकर जब लय और ताल के साथ घुंघरू साधकों के कदम मिले तब भारतीय संस्कृति और परंपरा एक साथ मुस्कुरा उठीं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्राचीन वाद्य यंत्र नगाड़ा की ताल और नृतकों के घुंगुरुओं की झंकार ने 50वें खजुराहों नृत्य समारोह की ऐतिहासिक उपलब्धि को यादगार बना दिया.  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का पर्व मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में भगवान नटराज महादेव को समर्पित साधना की यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति का गौरव बन भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करेगी. नृत्य आराधना परमात्मा की साधना का मार्ग है. यह ईश्वर से सीधा संपर्क का पवित्र माध्यम है. 

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सीएम मोहन यादव ने दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नृत्य गुरुओं और नर्तक नृत्यांगनाओं को कीर्तिमान रचने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं. सुप्रसिद्ध नृत्य गुरु राजेंद्र गंगानी की कोरियोग्राफी में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नर्तक नृत्यांगनाओं ने 20 मिनट की प्रस्तुति को राग बसंत में निबद्ध कर प्रस्तुत किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को विशेष बनाते हुए खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की. 

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गुरुकुल में होगी पारंपरिक कलाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरुकुल में जनजातीय और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक कलाओं मसलन शिल्प, नृत्य, गायन, वादन, चित्र और उनके मौखिक साहित्य को वरिष्ठ गुरुओं के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी. इस गुरुकुल की परिकल्पना इस तरह से होगी, जहां ग्रामीण जनजीवन में उनके समग्र विकास के साथ पारंपरिक हुनर और देशज ज्ञान पद्धतियों को संरक्षण मिलेगा. साथ ही पूर्वजों की विरासत को भी विस्तार मिलेगा.

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